अध्याय 12: अनुपात और समानुपात (Ratio and Proportion)

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. अनुपात (Ratio) क्या होता है?

    अनुपात दो समान राशियों की तुलना है जो यह दर्शाता है कि एक राशि दूसरी से कितनी गुना है। इसे भिन्न (fraction) या कोलन (:) का उपयोग करके व्यक्त किया जाता है।

  2. क्या 5:10 और 1:2 समान अनुपात हैं?

    हाँ, 5:10 और 1:2 समान अनुपात हैं क्योंकि 5:10 को सरलतम रूप में 1:2 के रूप में लिखा जा सकता है।

  3. समानुपात (Proportion) क्या है?

    समानुपात दो अनुपातों की समानता है। यदि दो अनुपात बराबर हों, तो वे समानुपात में होते हैं।

  4. यदि $a:b :: c:d$ है, तो $a$ और $d$ को क्या कहते हैं?

    यदि $a:b :: c:d$ है, तो $a$ और $d$ को **बाह्य पद (Extremes)** कहते हैं।

  5. क्या अनुपात की कोई इकाई होती है?

    नहीं, अनुपात की कोई इकाई नहीं होती क्योंकि यह समान राशियों के बीच की तुलना है, और उनकी इकाइयाँ आपस में रद्द हो जाती हैं।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. अनुपात को सरलतम रूप में व्यक्त करने का क्या महत्व है? एक उदाहरण दें।

    अनुपात को सरलतम रूप में व्यक्त करना महत्वपूर्ण है ताकि उसे आसानी से समझा और तुलना किया जा सके। यह अनावश्यक संख्याओं को हटाकर अनुपात के वास्तविक संबंध को उजागर करता है। उदाहरण के लिए, 20 पेंसिल और 30 रबर का अनुपात 20:30 है, जिसे सरलतम रूप में 2:3 लिखा जाता है।

  2. दैनिक जीवन में अनुपात का उपयोग कहाँ किया जाता है? कोई दो उदाहरण दें।

    दैनिक जीवन में अनुपात का उपयोग कई जगहों पर होता है। उदाहरण के लिए, खाना पकाने की विधियों में सामग्री के अनुपात को जानना (जैसे 1 कप चावल के लिए 2 कप पानी)। दूसरा, मानचित्रों पर दूरियों को समझना, जहाँ मानचित्र पर 1 सेमी ज़मीन पर 100 किमी को दर्शाता है, जो एक अनुपात है।

  3. समानुपात के 'बाह्य पदों का गुणनफल = मध्य पदों का गुणनफल' नियम को समझाएँ।

    समानुपात के इस नियम का अर्थ है कि यदि चार राशियाँ $a, b, c, d$ समानुपात में हैं ($a:b :: c:d$), तो पहले और चौथे पद (बाह्य पद) का गुणनफल ($a \times d$) दूसरे और तीसरे पद (मध्य पद) के गुणनफल ($b \times c$) के बराबर होता है। यह समानुपात की जाँच करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. अनुपात की अवधारणा को उदाहरण सहित समझाएँ। दो राशियों के अनुपात की गणना कैसे की जाती है?

    अनुपात गणितीय रूप से दो समान राशियों की तुलना है। यह बताता है कि एक मात्रा में दूसरी मात्रा कितनी बार शामिल है। उदाहरण के लिए, यदि एक कक्षा में 15 लड़कियाँ और 20 लड़के हैं, तो लड़कियों की संख्या का लड़कों की संख्या से अनुपात 15:20 होगा। यह इंगित करता है कि लड़कों की संख्या की तुलना में कितनी लड़कियाँ हैं। अनुपात को अक्सर सरलतम रूप में लिखा जाता है ताकि इसे आसानी से समझा जा सके; 15:20 को 5 से विभाजित करने पर 3:4 मिलता है, जिसका अर्थ है कि हर 3 लड़कियों के लिए 4 लड़के हैं। अनुपात की कोई इकाई नहीं होती क्योंकि यह समान इकाइयों (जैसे लड़कियाँ और लड़के) की तुलना करता है, और इकाइयाँ एक दूसरे को रद्द कर देती हैं।

    दो राशियों $A$ और $B$ के अनुपात की गणना करने के लिए, हम उन्हें भिन्न $A/B$ या $A:B$ के रूप में व्यक्त करते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दोनों राशियों की इकाइयाँ समान होनी चाहिए। यदि इकाइयाँ अलग-अलग हैं (जैसे मीटर और सेंटीमीटर), तो पहले उन्हें एक ही इकाई में बदलना होगा। एक बार जब इकाइयाँ समान हो जाती हैं, तो अनुपात को आमतौर पर उसके सरलतम रूप में व्यक्त करने के लिए अंश और हर (या अनुपात के दोनों पदों) को उनके सबसे बड़े सामान्य गुणनखंड (HCF) से विभाजित किया जाता है। उदाहरण के लिए, 500 ग्राम चीनी और 2 किलोग्राम चीनी का अनुपात ज्ञात करने के लिए, पहले 2 किलोग्राम को 2000 ग्राम में बदलें। तब अनुपात 500 ग्राम : 2000 ग्राम होगा, जिसे सरलतम रूप में 1:4 के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

  2. एकिक विधि (Unitary Method) क्या है और इसका उपयोग अनुपात और समानुपात से संबंधित समस्याओं को हल करने में कैसे किया जाता है? उदाहरण सहित समझाएँ।

    एकिक विधि (Unitary Method) एक ऐसी गणितीय तकनीक है जिसका उपयोग किसी एक इकाई का मान ज्ञात करके, फिर वांछित संख्या में इकाइयों का मान ज्ञात करने के लिए किया जाता है। यह विधि विशेष रूप से उन समस्याओं को हल करने में उपयोगी है जहाँ हमें अनुपात या समानुपात के आधार पर एक अज्ञात मात्रा का पता लगाना होता है। यह एक सीधा और तार्किक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो जटिल गणनाओं के बजाय मूलभूत विभाजन और गुणन पर निर्भर करता है। इस विधि में, हम पहले दी गई जानकारी से एक इकाई का मान निकालते हैं, और फिर उस इकाई मान का उपयोग करके कुल वांछित मात्रा का मान ज्ञात करते हैं।

    उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि 5 पेन की कीमत ₹60 है और आपको 8 पेन की कीमत ज्ञात करनी है। एकिक विधि का उपयोग करके, हम पहले एक पेन की कीमत ज्ञात करेंगे। यदि 5 पेन की कीमत ₹60 है, तो 1 पेन की कीमत ₹60 ÷ 5 = ₹12 होगी। अब जब हमें एक पेन की कीमत पता चल गई है, तो हम 8 पेन की कीमत आसानी से ज्ञात कर सकते हैं: 8 पेन की कीमत = ₹12 × 8 = ₹96। यह विधि यह मानती है कि मात्राएँ प्रत्यक्ष समानुपात में हैं, यानी, यदि एक मात्रा बढ़ती है, तो दूसरी भी उसी अनुपात में बढ़ती है। यह दैनिक जीवन की खरीदारी से लेकर अधिक जटिल वैज्ञानिक या इंजीनियरिंग गणनाओं तक, विभिन्न परिदृश्यों में एक व्यावहारिक और कुशल समस्या-समाधान उपकरण है।

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