अध्याय 9: टिकट एल्बम
परिचय
"टिकट एल्बम" एक दिल को छू लेने वाली कहानी है जो बच्चों के बीच दोस्ती, ईर्ष्या, पश्चाताप और क्षमा जैसे मानवीय भावनाओं को बहुत ही सूक्ष्मता से दर्शाती है। यह कहानी आर. के. नारायण की कहानी "The Stamp Album" का हिंदी रूपांतरण है, जिसे सुंदरा रामस्वामी ने लिखा है। यह अध्याय बताता है कि कैसे छोटी-छोटी चीजें भी बच्चों के लिए कितनी महत्वपूर्ण हो सकती हैं और कैसे कभी-कभी ईर्ष्या के कारण हम गलतियाँ कर बैठते हैं, लेकिन अंततः पछतावा और ईमानदारी हमें सही राह पर ले आते हैं।
महत्वपूर्ण सूचना: यहाँ पर अध्याय की पूरी मूल कहानी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है क्योंकि यह कॉपीराइट सामग्री है। नीचे कहानी का सार और प्रश्नोत्तर दिए गए हैं जो आपको इस अध्याय को समझने में मदद करेंगे।
कहानी का सार (Summary of the Story)
"टिकट एल्बम" कहानी दो दोस्तों, **नागराजन** और **राजप्पा** के इर्द-गिर्द घूमती है। राजप्पा को टिकट इकट्ठा करने का शौक होता है। वह बड़ी मेहनत और लगन से विभिन्न देशों के टिकट इकट्ठा करके अपना एल्बम बनाता है। उसके एल्बम की स्कूल में काफी तारीफ होती है और सभी बच्चे उसे बड़े चाव से देखते हैं।
लेकिन कहानी में मोड़ तब आता है जब नागराजन के मामा सिंगापुर से एक बहुत ही सुंदर और नया **टिकट एल्बम** भेजते हैं। यह एल्बम बना-बनाया होता है और उसमें पहले से ही कई खूबसूरत टिकट लगे होते हैं। नागराजन का यह नया एल्बम देखते ही देखते स्कूल में सबसे लोकप्रिय हो जाता है। सभी बच्चे राजप्पा के एल्बम को छोड़कर नागराजन के एल्बम के इर्द-गिर्द इकट्ठा होने लगते हैं। राजप्पा को यह बात बहुत बुरी लगती है और उसके मन में नागराजन के प्रति **ईर्ष्या** पैदा हो जाती है।
राजप्पा को लगने लगता है कि उसका अपना एल्बम अब बेकार हो गया है। ईर्ष्या में आकर, वह रात के समय नागराजन के घर जाता है और उसका एल्बम **चुरा लेता है**। एल्बम चुराने के बाद राजप्पा बहुत बेचैन हो जाता है। उसे डर लगता है कि कोई उसे पकड़ न ले। उसे समझ नहीं आता कि वह एल्बम को क्या करे। वह उसे छुपाता है, जलाना चाहता है, लेकिन कर नहीं पाता।
कुछ दिनों बाद, नागराजन बहुत दुखी होता है क्योंकि उसका एल्बम खो गया है। वह रोता है। यह देखकर राजप्पा का मन **पश्चाताप** से भर जाता है। उसे अपनी गलती का एहसास होता है। अंत में, राजप्पा अपनी गलती सुधारने का फैसला करता है। वह नागराजन के पास जाता है और अपना खुद का, मेहनत से बनाया हुआ एल्बम उसे दे देता है, और उससे कहता है कि यह एल्बम उससे भी अच्छा है। वह नागराजन का खोया हुआ एल्बम उसे वापस कर देता है। नागराजन राजप्पा की ईमानदारी और दोस्ती देखकर बहुत खुश होता है और उसे गले लगा लेता है। यह कहानी **ईर्ष्या से दोस्ती की जीत** और ईमानदारी के महत्व को दर्शाती है।
---पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
-
राजप्पा को किस बात का शौक था?
राजप्पा को टिकट इकट्ठा करने का शौक था।
-
नागराजन को किसने एल्बम भेजा था?
नागराजन को उसके मामा ने सिंगापुर से एक एल्बम भेजा था।
-
राजप्पा के मन में नागराजन के प्रति कौन-सी भावना पैदा हुई?
राजप्पा के मन में नागराजन के प्रति ईर्ष्या की भावना पैदा हुई।
-
राजप्पा ने नागराजन के एल्बम का क्या किया था?
राजप्पा ने नागराजन का एल्बम चुरा लिया था।
-
अंत में राजप्पा ने अपनी गलती कैसे सुधारी?
अंत में राजप्पा ने नागराजन का चुराया हुआ एल्बम वापस कर दिया और अपना खुद का एल्बम उसे दे दिया।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
-
नागराजन के एल्बम के आने से पहले राजप्पा का एल्बम क्यों लोकप्रिय था?
नागराजन के एल्बम के आने से पहले राजप्पा का एल्बम इसलिए लोकप्रिय था क्योंकि उसने बड़ी मेहनत और लगन से खुद टिकट इकट्ठे करके अपना एल्बम बनाया था। उसमें विभिन्न देशों के अनोखे टिकट थे, जो बच्चों को बहुत पसंद आते थे।
-
नागराजन का एल्बम आते ही राजप्पा का एल्बम क्यों फीका पड़ गया?
नागराजन का एल्बम आते ही राजप्पा का एल्बम फीका पड़ गया क्योंकि नागराजन का एल्बम बना-बनाया था और उसमें पहले से ही बहुत सारे सुंदर और नए टिकट लगे हुए थे, जो राजप्पा के साधारण एल्बम से कहीं अधिक आकर्षक थे।
-
एल्बम चुराने के बाद राजप्पा की मानसिक स्थिति कैसी थी?
एल्बम चुराने के बाद राजप्पा बहुत बेचैन और डरा हुआ था। उसे नींद नहीं आती थी और वह हर पल पकड़े जाने के डर से सहमा रहता था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह एल्बम का क्या करे।
-
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईर्ष्या एक बुरी भावना है जो हमें गलत काम करने पर मजबूर कर सकती है। हमें अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए और पश्चाताप होने पर उन्हें सुधारने का प्रयास करना चाहिए। सच्ची दोस्ती और ईमानदारी हमेशा महत्वपूर्ण होती है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
-
राजप्पा के चरित्र की विशेषताओं का वर्णन करें और बताएं कि उसमें क्या बदलाव आए।
प्रारंभ में, राजप्पा एक मेहनती और उत्साही लड़का था जिसे टिकट इकट्ठा करने का जुनून था। वह अपने एल्बम को बनाने में घंटों लगाता था, टिकटों के लिए भटकता था, और उसे अपने एल्बम पर बहुत गर्व था। उसका एल्बम स्कूल में उसकी पहचान था और सभी बच्चे उसकी इज्जत करते थे। वह एक प्रतिस्पर्धी स्वभाव का भी था, जो अपने शौक में श्रेष्ठता चाहता था। उसकी यह लगन उसके चरित्र का सकारात्मक पहलू था।
नागराजन का नया एल्बम आने के बाद राजप्पा के चरित्र में नकारात्मक बदलाव आता है। उसके मन में नागराजन के प्रति ईर्ष्या और असुरक्षा की भावना पनपती है। उसे लगता है कि उसकी मेहनत अब बेकार हो गई है। इसी ईर्ष्या के कारण वह नागराजन का एल्बम चुरा लेता है, जो उसके चरित्र का एक बुरा पहलू है। हालांकि, एल्बम चुराने के बाद वह गहन पश्चाताप और डर से गुजरता है। उसे अपनी गलती का एहसास होता है और वह अपनी गलती को सुधारने का साहस दिखाता है। अंत में, वह अपनी गलती कबूल करता है और अपना प्रिय एल्बम नागराजन को देकर उसकी मदद करता है। यह बदलाव दर्शाता है कि कैसे व्यक्ति गलतियाँ करके भी सीखता है और सही रास्ते पर लौट सकता है।
-
"टिकट एल्बम" कहानी के माध्यम से दोस्ती और ईर्ष्या के रिश्ते को कैसे दर्शाया गया है?
"टिकट एल्बम" कहानी दोस्ती और ईर्ष्या के जटिल रिश्ते को खूबसूरती से दर्शाती है। शुरुआत में, राजप्पा और नागराजन दोनों दोस्त हैं, लेकिन राजप्पा की दोस्ती में अपने एल्बम के प्रति थोड़ी श्रेष्ठता की भावना छिपी होती है। जब तक राजप्पा का एल्बम सबसे अच्छा रहता है, उनकी दोस्ती सामान्य प्रतीत होती है। लेकिन नागराजन के नए एल्बम के आगमन से राजप्पा के मन में ईर्ष्या का बीज पनपता है। यह ईर्ष्या उसकी दोस्ती पर भारी पड़ती है और उसे नागराजन के एल्बम को चुराने जैसा गलत कदम उठाने पर मजबूर कर देती है।
ईर्ष्या के कारण राजप्पा मानसिक रूप से परेशान हो जाता है, उसे नींद नहीं आती और वह लगातार पकड़े जाने के डर में जीता है। इस दौरान, वह नागराजन के दुख को भी महसूस करता है, जो उसके अंदर के अच्छे दोस्त को जगाता है। नागराजन का रोना राजप्पा के हृदय में पश्चाताप उत्पन्न करता है। अंततः, दोस्ती की भावना ईर्ष्या पर हावी हो जाती है। राजप्पा न केवल नागराजन का एल्बम लौटाता है, बल्कि अपनी सबसे कीमती चीज़, अपना स्वयं का एल्बम, उसे भेंट कर देता है। यह कार्य उसकी सच्ची दोस्ती और ईमानदारी को दर्शाता है। कहानी यह संदेश देती है कि भले ही ईर्ष्या क्षण भर के लिए हमें गलत रास्ते पर ले जा सकती है, लेकिन सच्ची भावनाएँ और ईमानदारी अंततः जीत हासिल करती हैं और दोस्ती के रिश्ते को और मजबूत बनाती हैं।
(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)