अध्याय 5: अक्षरों का महत्व
अक्षरों की कहानी लगभग छह हज़ार साल पुरानी है। अक्षरों के ज्ञान से पहले मनुष्य जंगलों में भटकता था। वह अपने भावों को चित्रों के माध्यम से व्यक्त करता था। जैसे-जैसे विकास हुआ, मनुष्य ने अक्षर बनाए। अक्षरों के अविष्कार के बाद मानव जाति के जीवन में एक बड़ा बदलाव आया।
यह कहा जाता है कि अक्षरों की खोज किसी एक व्यक्ति ने नहीं की, बल्कि यह मानव सभ्यता के विकास के साथ धीरे-धीरे हुई। पहले मनुष्य चित्रों के माध्यम से अपने विचार प्रकट करता था। जैसे, पशुओं, पक्षियों और आदमियों के चित्र बनाकर संदेश दिए जाते थे। बाद में भाव-संकेत विकसित हुए। जैसे, एक छोटे वृत्त के चारों ओर किरणों की द्योतक रेखाएँ खींचने पर 'सूर्य' का चित्र बन जाता था।
अक्षरों की खोज के साथ ही एक नए युग की शुरुआत हुई। आदमी अपने विचारों और ज्ञान को लिखकर रखने लगा। इससे उसकी पीढ़ियों तक ज्ञान का संचार संभव हो सका। पहले लोग बोलकर या सुनकर ही ज्ञान प्राप्त करते थे, लेकिन अक्षरों के आविष्कार से वे लिखित सामग्री से भी ज्ञान प्राप्त करने लगे।
अक्षरों और उनसे बनी लिपियों के कारण ही हम इतिहास को जान पाते हैं। अगर अक्षर न होते, तो हम हजारों साल पहले के इतिहास को नहीं जान पाते। हम यह भी नहीं जान पाते कि पुराने समय के लोग कैसे रहते थे, क्या खाते थे, और क्या सोचते थे। अक्षरों के कारण ही ज्ञान का इतना विशाल भंडार हमारे पास है।
अक्षरों का महत्व:
- **ज्ञान का संचार:** अक्षरों ने ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाना संभव बनाया।
- **इतिहास का ज्ञान:** अक्षरों के कारण ही हम अपने इतिहास और पूर्वजों के बारे में जान पाते हैं।
- **सभ्यता का विकास:** अक्षरों ने मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- **विचारों का आदान-प्रदान:** लिखित भाषा के माध्यम से लोग दूर-दूर तक अपने विचारों का आदान-प्रदान कर पाए।
- **पुस्तकें और साहित्य:** अक्षरों के कारण ही किताबें, कहानियाँ और कविताएँ लिखी जा सकीं।
आज हम जो कुछ भी पढ़ या लिख पाते हैं, वह अक्षरों के कारण ही संभव है। अक्षरों के बिना हम इस आधुनिक दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसलिए, अक्षरों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, और हमें उनका सम्मान करना चाहिए।