अध्याय 3: नादान दोस्त
**लेखक: मुंशी प्रेमचंद**
कहानी का सार (Summary of the Story)
**मुंशी प्रेमचंद** द्वारा लिखी गई कहानी '**नादान दोस्त**' केशव और श्यामा नाम के दो भाई-बहन की मार्मिक कहानी है। कहानी एक ऐसे घर के इर्द-गिर्द घूमती है जहाँ एक कार्निस पर **चिड़िया ने अंडे दिए** होते हैं। केशव और श्यामा, दोनों बच्चे, उन अंडों को देखकर बहुत उत्सुक और खुश होते हैं। वे अंडों की सुरक्षा और चिड़िया के बच्चों के लिए बहुत चिंतित रहते हैं।
उन्हें लगता है कि अंडे ऐसे ही खुले में धूप और हवा में पड़े हैं, और चिड़िया के बच्चों को खाने-पीने की दिक्कत होगी। वे अपनी नादानी में, चिड़िया के अंडों को धूप से बचाने और उनके लिए दाना-पानी रखने का फैसला करते हैं। बिना किसी को बताए, वे अपनी माँ की आँख बचाकर स्टूल और चौकी का इस्तेमाल करके कार्निस तक पहुँचने की कोशिश करते हैं। केशव ऊपर चढ़कर अंडों के लिए एक कपड़ा बिछाता है, ऊपर छत बनाता है और एक कटोरी में पानी और कुछ दाने भी रख देता है।
अगले दिन सुबह, जब माँ सो रही होती है, बच्चे फिर से कार्निस के पास जाते हैं, लेकिन उन्हें वहाँ अंडे नहीं दिखते। वे देखते हैं कि सारे अंडे नीचे टूटकर पड़े हुए हैं और उनमें से सफेद तरल पदार्थ बाहर निकला हुआ है। इसे देखकर वे बहुत दुखी होते हैं। तभी माँ आती है और टूटे हुए अंडे देखकर गुस्सा करती है। वह बच्चों से पूछती है कि यह किसने किया। बच्चे सच्चाई बता देते हैं।
माँ उन्हें समझाती है कि **चिड़िया के अंडों को छूना नहीं चाहिए**, क्योंकि इंसानी हाथ लगने से चिड़िया उन्हें छोड़ देती है। चिड़िया को लगता है कि अंडे गंदे हो गए हैं और वह उन्हें सेती नहीं है। यह सुनकर केशव और श्यामा को बहुत दुख होता है और वे अपनी नादानी पर पछताते हैं। उन्हें एहसास होता है कि उनकी "मदद" करने की कोशिश ही चिड़िया और उसके बच्चों के लिए नुकसानदेह साबित हुई। इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें बिना जानकारी के किसी भी जीव के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हमारा "अच्छा" इरादा भी नादानी में नुकसान का कारण बन सकता है।
---शब्दार्थ (Word Meanings)
- **का-र्निस:** दीवार के किनारे निकला हुआ भाग, जिस पर चिड़िया या कोई अन्य जीव घोंसला बनाता है। (Ledge)
- **उत्सुक:** कुछ जानने या करने की तीव्र इच्छा रखने वाला। (Curious, Eager)
- **चिंता:** किसी बात की फिक्र होना। (Worry)
- **आँख बचाना:** किसी की नजरों से बचकर काम करना। (To evade someone's sight)
- **नादानी:** समझदारी की कमी, बचपना। (Innocence, Naivety)
- **सहारा:** किसी की मदद लेना, अवलंब। (Support)
- **इतमीनान:** धैर्य, संतोष। (Satisfaction, Patience)
- **पछताना:** किसी काम पर अफ़सोस करना। (To regret)
- **हिफाजत:** सुरक्षा, देखभाल। (Protection)
- **तसल्ली:** सांत्वना, दिलासा। (Comfort, Consolation)
- **फुरसत:** खाली समय। (Leisure)
- **अंडा:** पक्षियों या कुछ अन्य प्राणियों द्वारा दिया जाने वाला प्रजनन कोश। (Egg)
- **गर्मी:** उष्णता, ताप। (Heat)
- **तोड़ना:** किसी वस्तु के टुकड़े-टुकड़े करना। (To break)
- **पंख:** पक्षियों के शरीर पर उगने वाले वे हल्के रोम जिनसे वे उड़ते हैं। (Feather)
- **बहाना:** टालने का कारण बताना। (Excuse)
अभ्यास (Exercises)
कहानी से (From the Story)
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केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?
केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर कई सवाल उठते थे, जैसे अंडे कितने होंगे, किस रंग के होंगे, उनमें से बच्चे कैसे निकलेंगे, बच्चों के पंख कैसे होंगे, वे क्या खाते होंगे, और चिड़िया उनके लिए क्या लाती होगी। वे आपस में ही सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली दे देते थे क्योंकि उन्हें इन सवालों के जवाब देने वाला कोई बड़ा नहीं था और वे अपनी जिज्ञासा शांत करना चाहते थे।
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अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में ये सवाल क्यों उठते थे?
अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में ये सवाल इसलिए उठते थे क्योंकि वे छोटे बच्चे थे और उनमें कौतूहल तथा जिज्ञासा स्वाभाविक थी। उन्होंने पहले कभी चिड़िया के अंडों को इतने करीब से नहीं देखा था और उनके मन में चिड़िया के बच्चों और उनके पालन-पोषण को लेकर कई कल्पनाएँ थीं।
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केशव ने अंडों की हिफाजत के लिए क्या-क्या तैयारियाँ कीं?
केशव ने अंडों की हिफाजत के लिए कई तैयारियाँ कीं। उसने पहले एक कपड़े का टुकड़ा लेकर उसे फाड़कर उसकी गद्दी बनाई ताकि अंडे कोमल स्थान पर रहें। फिर उसने धूप से बचाने के लिए एक टोकरी को उल्टा करके ऊपर से ढक दिया, जिसे श्यामा ने सहारा दिया। इसके अलावा, उसने चिड़िया के बच्चों के लिए एक कटोरी में पानी और कुछ दाने भी कार्निस पर रख दिए।
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केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?
केशव और श्यामा ने अपनी समझ में चिड़िया के अंडों की रक्षा करने की कोशिश की, लेकिन वास्तव में यह उनकी **नादानी** थी। उन्हें यह नहीं पता था कि चिड़िया अपने अंडों को छूने के बाद उन्हें छोड़ देती है, क्योंकि उसे लगता है कि वे गंदे हो गए हैं। उनकी मदद करने की यह कोशिश ही अंडों के नष्ट होने का कारण बनी।
कहानी से आगे (Beyond the Story)
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गिरजाघर की घंटी बजती तो केशव को क्या-क्या सुनाई देता था?
गिरजाघर की घंटी बजती तो केशव को दूर के पेड़ों पर कोयल की कू-कू, कौवे की काँव-काँव, और अन्य पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देती थी।
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श्यामा चिड़िया के लिए चावल और पानी क्यों लाई थी?
श्यामा चिड़िया के लिए चावल और पानी लाई थी ताकि जब चिड़िया के बच्चे निकलें, तो उन्हें खाने-पीने की कमी न हो और चिड़िया को भोजन के लिए बाहर न जाना पड़े।
अनुमान और कल्पना (Estimation and Imagination)
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कहानी में मां को बच्चों के अंडों के पास जाने का पता क्यों नहीं चला?
कहानी में मां को बच्चों के अंडों के पास जाने का पता इसलिए नहीं चला क्योंकि वह अक्सर सोती रहती थी या अपने काम में व्यस्त रहती थी। बच्चों ने भी बहुत सावधानी से और छिपकर यह काम किया ताकि माँ को पता न चले।
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केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को बचाने के बजाय उन्हें नुकसान क्यों पहुँचा बैठे?
केशव और श्यामा अपनी **नादानी** और अनुभव की कमी के कारण चिड़िया के अंडों को नुकसान पहुँचा बैठे। उन्हें यह नहीं पता था कि अंडों को छूने से चिड़िया उन्हें छोड़ देती है। वे अच्छे इरादे से काम कर रहे थे, लेकिन उन्हें सही जानकारी नहीं थी।
भाषा की बात (Language Talk)
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नीचे कुछ संज्ञा-शब्द दिए गए हैं। इनका लिंग-भेद पहचानकर सही स्थान पर लिखें:
घंटी, दीवार, चिड़िया, कपड़ा, टोकरी, प्याली, कुर्सी, दाना, धूप, अंडा, बच्चा, स्कूल, कमरा, मौसम।
**पुल्लिंग (Masculine):** दाना, अंडा, बच्चा, स्कूल, कमरा, मौसम
**स्त्रीलिंग (Feminine):** घंटी, दीवार, चिड़िया, कपड़ा, टोकरी, प्याली, कुर्सी, धूप -
कहानी से ऐसे शब्द छाँटकर लिखें जो विशेषण-विशेष्य के जोड़े हों:
**नादान दोस्त**, **बड़ी मुश्किल**, **थोड़ा-सा पानी**, **तीन अंडे**, **तेज धूप**, **एक घंटा**, **छोटी-सी कटोरी**, **कई दिन**, **बेचारे अंडे**।
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