अध्याय 13: मैं सबसे छोटी होउँ

परिचय

"मैं सबसे छोटी होउँ" प्रसिद्ध कवि **सुमित्रानंदन पंत** द्वारा लिखी गई एक सुंदर और भावुक कविता है। यह कविता एक बच्ची के मन की भावनाओं को व्यक्त करती है जो हमेशा अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बने रहना चाहती है। वह बड़ी होकर माँ के प्रेम और दुलार से वंचित नहीं होना चाहती। कविता माँ और बच्चे के निश्छल प्रेम, सुरक्षा की भावना और बचपन की मासूम इच्छाओं को बहुत ही मार्मिक ढंग से दर्शाती है।

महत्वपूर्ण सूचना: यहाँ पर अध्याय की पूरी मूल कविता उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है क्योंकि यह कॉपीराइट सामग्री है। नीचे कविता का सार और प्रश्नोत्तर दिए गए हैं जो आपको इस अध्याय को समझने में मदद करेंगे।

कविता का सार (Summary of the Poem)

"मैं सबसे छोटी होउँ" कविता एक छोटी बच्ची की इच्छा को व्यक्त करती है। वह अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बने रहना चाहती है, ताकि उसे अपनी माँ का अधिक से अधिक प्यार और दुलार मिल सके। उसे डर है कि अगर वह बड़ी हो जाएगी, तो माँ उसे पहले की तरह प्यार नहीं करेगी और उसे अपने हाथों से खाना खिलाना, नहलाना, कपड़े पहनाना बंद कर देगी।

बच्ची अपनी माँ से कहती है कि वह चाहती है कि माँ उसे अपनी अँगुली पकड़कर हमेशा अपने साथ रखे। वह यह भी समझती है कि माँ बड़ी होने पर बच्चों को सिखाती तो है, लेकिन उनके साथ पहले जैसा व्यवहार नहीं करती। वह उन्हें हाथों से खाना नहीं खिलाती, उनके पीछे-पीछे नहीं घूमती, और न ही उन्हें कहानियां सुनाती है। बच्ची को यह भी पता है कि बड़ी होने पर उसे खिलौने तो मिलेंगे, लेकिन माँ का वह विशेष दुलार और प्यार नहीं मिलेगा जो छोटी होने पर मिलता है।

कविता में बच्ची माँ से यह भी कहती है कि वह बड़ी नहीं होना चाहती, क्योंकि बड़ी होने पर माँ का साथ और उसकी ममता का अहसास कम हो जाता है। वह चाहती है कि वह हमेशा माँ की गोद में, माँ के आँचल की छाँव में रहे, सुरक्षित और निश्चिंत। वह कभी भी ऐसी बड़ी लड़की नहीं बनना चाहती जिसे माँ का प्यार कम मिले। इस प्रकार, यह कविता माँ और बच्चे के अनमोल रिश्ते, बचपन की मासूमियत और सुरक्षा की गहरी इच्छा को दर्शाती है।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)

I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।

  1. यह कविता किसने लिखी है?

    यह कविता सुमित्रानंदन पंत ने लिखी है।

  2. कविता में कौन सबसे छोटी बने रहना चाहती है?

    कविता में एक छोटी बच्ची सबसे छोटी बने रहना चाहती है।

  3. बच्ची बड़ी होकर माँ के किस दुलार से वंचित नहीं होना चाहती?

    बच्ची बड़ी होकर माँ के हाथ से खाना खिलाने, नहलाने, कपड़े पहनाने और गोद में खेलने के दुलार से वंचित नहीं होना चाहती।

  4. बच्ची किसकी अँगुली पकड़कर घूमना चाहती है?

    बच्ची अपनी माँ की अँगुली पकड़कर घूमना चाहती है।

  5. बच्ची माँ के आँचल की छाँव को क्यों महत्व देती है?

    बच्ची माँ के आँचल की छाँव को सुरक्षा और ममता का प्रतीक मानती है, जहाँ वह निश्चिंत और सुरक्षित महसूस करती है।

II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।

  1. बच्ची बड़ी क्यों नहीं होना चाहती?

    बच्ची बड़ी नहीं होना चाहती क्योंकि उसे डर है कि बड़ी होने पर माँ उसे पहले जैसा प्यार, दुलार और देखभाल नहीं करेगी। वह हमेशा माँ के संरक्षण में रहना चाहती है।

  2. बड़ी होने पर माँ के व्यवहार में क्या बदलाव आता है, जैसा बच्ची समझती है?

    बच्ची समझती है कि बड़ी होने पर माँ अपने बच्चे को हाथों से खाना खिलाना बंद कर देती है, पीछे-पीछे घूमना छोड़ देती है, और पहले जैसी देखभाल नहीं करती। वह केवल सिखाने लगती है।

  3. कविता में माँ और बच्चे के रिश्ते को कैसे दर्शाया गया है?

    कविता में माँ और बच्चे के रिश्ते को अत्यंत आत्मीय, निश्छल और प्रेमपूर्ण दर्शाया गया है, जहाँ बच्चा अपनी माँ के आँचल में पूर्ण सुरक्षा और स्नेह महसूस करता है और उससे कभी दूर नहीं होना चाहता।

  4. बच्ची के लिए 'माँ का आँचल' क्या दर्शाता है?

    बच्ची के लिए 'माँ का आँचल' सुरक्षा, स्नेह, ममता और निश्चिंतता का प्रतीक है। वह उस आँचल में छिपी हुई सबसे छोटी होकर रहना चाहती है जहाँ उसे कोई भय न हो।

III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।

  1. "मैं सबसे छोटी होउँ" कविता में बच्ची की भावनाओं का विस्तार से वर्णन करें।

    "मैं सबसे छोटी होउँ" कविता एक छोटी बच्ची के हृदय की कोमल और गहरी भावनाओं को व्यक्त करती है। उसकी सबसे प्रबल इच्छा यह है कि वह अपनी माँ की सबसे छोटी संतान बनी रहे। यह इच्छा केवल छोटे होने की नहीं, बल्कि माँ के अविरल और अनन्य प्रेम, देखभाल और सुरक्षा से कभी वंचित न होने की है। उसे यह भय सताता है कि अगर वह बड़ी हो जाएगी, तो माँ का वह विशेष ध्यान और दुलार, जैसे हाथों से खाना खिलाना, कपड़े पहनाना, नहलाना और रात को कहानियाँ सुनाना, सब बंद हो जाएगा।

    बच्ची का मन इस विचार से अशांत है कि बड़ी होकर उसे खिलौने तो मिलेंगे, पर माँ की ममता का वह सहज स्पर्श और दुलार नहीं मिलेगा। वह हमेशा माँ की अँगुली पकड़कर चलना चाहती है, माँ के आँचल की छाँव में सुरक्षित रहना चाहती है, जहाँ उसे कोई भय न हो। यह कविता बचपन की उस मासूमियत को दर्शाती है जहाँ बच्चा अपनी माँ को अपना पूरा संसार मानता है और उस संसार से कभी बाहर नहीं निकलना चाहता। यह केवल एक बच्चे की इच्छा नहीं, बल्कि हर बच्चे के अवचेतन मन में माँ के प्रति अगाध प्रेम और सुरक्षा की गहरी लालसा का प्रतिबिंब है।

  2. सुमित्रानंदन पंत ने इस कविता के माध्यम से माँ-बच्चे के रिश्ते की किस विशेषता को उजागर किया है?

    सुमित्रानंदन पंत ने "मैं सबसे छोटी होउँ" कविता के माध्यम से माँ और बच्चे के रिश्ते की **गहरी आत्मीयता, निःस्वार्थ प्रेम और अटूट बंधन** को उजागर किया है। यह कविता दर्शाती है कि एक माँ अपने छोटे बच्चे के प्रति कितना समर्पित और सुरक्षात्मक होती है। वह उसे हर पल अपनी आँखों के सामने रखना चाहती है, उसकी हर छोटी-बड़ी जरूरत का ख्याल रखती है, उसे अपने हाथों से सँवारती है, और उसे दुनिया की हर बुराई से बचाना चाहती है।

    दूसरी ओर, कविता बच्चे की ओर से माँ के प्रति **पूर्ण विश्वास, निर्भरता और असीम प्रेम** को भी सामने लाती है। बच्ची के लिए माँ केवल एक देखभाल करने वाली नहीं, बल्कि उसका संपूर्ण आश्रय है। माँ का आँचल उसके लिए सबसे सुरक्षित स्थान है, और माँ की अँगुली उसके लिए संसार में चलने का सहारा। बच्ची का यह डर कि बड़ी होने पर माँ का प्यार कम हो जाएगा, इस बात को रेखांकित करता है कि वह माँ के उस अनमोल दुलार को कभी खोना नहीं चाहती। पंत जी ने इस कविता के माध्यम से माँ-बच्चे के रिश्ते की उस पवित्रता और कोमलता को शब्दों में पिरोया है जो हर उम्र के व्यक्ति के मन में माँ के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना जगाता है।

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