अध्याय 3: सरल रेखा में गति (Motion in a Straight Line)
परिचय
भौतिकी में, गति का अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसका पहला चरण सरल रेखा में गति को समझना है। यह गति विज्ञान (Kinematics) की नींव रखता है, जो वस्तुओं की गति का वर्णन करता है, बिना गति के कारणों पर विचार किए। इस अध्याय में, हम स्थिति (position), विस्थापन (displacement), वेग (velocity), और त्वरण (acceleration) जैसी बुनियादी अवधारणाओं का अध्ययन करेंगे, और सरल रेखा में एकसमान (uniform) और असमान (non-uniform) गति का विश्लेषण करेंगे। हम ग्राफिकल निरूपण और गति के समीकरणों (equations of motion) का भी पता लगाएंगे, जो हमें गतिमान वस्तुओं के व्यवहार की भविष्यवाणी करने में मदद करते हैं।
3.1 स्थिति, पथ लंबाई और विस्थापन
- **स्थिति (Position):** किसी वस्तु की स्थिति को एक संदर्भ बिंदु (मूल बिंदु) के सापेक्ष निर्दिष्ट किया जाता है। सरल रेखा में गति के लिए, हम एक समन्वय अक्ष (coordinate axis) का उपयोग करते हैं।
- **पथ लंबाई (Path Length):** किसी वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी को पथ लंबाई कहते हैं। यह एक अदिश राशि (scalar quantity) है और हमेशा धनात्मक होती है।
- **विस्थापन (Displacement):** किसी वस्तु की अंतिम और प्रारंभिक स्थितियों के बीच की सबसे छोटी दूरी को विस्थापन कहते हैं। यह एक सदिश राशि (vector quantity) है और धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकती है। विस्थापन = अंतिम स्थिति - प्रारंभिक स्थिति।
उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति A से B तक 5m चलता है और फिर B से A तक 5m वापस आता है, तो उसकी पथ लंबाई 10m होगी, लेकिन उसका विस्थापन 0m होगा।
3.2 औसत वेग और औसत चाल
- **औसत वेग (Average Velocity):** यह कुल विस्थापन और उस विस्थापन को पूरा करने में लगे कुल समय का अनुपात है। $$ \text{औसत वेग} = \frac{\text{कुल विस्थापन}}{\text{कुल समय}} $$ यह एक सदिश राशि है।
- **औसत चाल (Average Speed):** यह कुल पथ लंबाई (तय की गई दूरी) और उस दूरी को तय करने में लगे कुल समय का अनुपात है। $$ \text{औसत चाल} = \frac{\text{कुल दूरी}}{\text{कुल समय}} $$ यह एक अदिश राशि है।
3.3 तात्क्षणिक वेग और चाल
- **तात्क्षणिक वेग (Instantaneous Velocity):** किसी विशेष क्षण पर वस्तु का वेग तात्क्षणिक वेग कहलाता है। यह विस्थापन में बहुत छोटे परिवर्तन और समय में बहुत छोटे परिवर्तन का अनुपात है, जब समय अंतराल शून्य की ओर अग्रसर होता है। $$ v = \frac{dx}{dt} $$ यह स्थिति-समय ग्राफ (position-time graph) की प्रवणता (slope) को दर्शाता है।
- **तात्क्षणिक चाल (Instantaneous Speed):** यह तात्क्षणिक वेग का परिमाण (magnitude) है।
3.4 त्वरण
**त्वरण (Acceleration):** वेग में परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं। यह एक सदिश राशि है। $$ \text{औसत त्वरण} = \frac{\text{वेग में परिवर्तन}}{\text{कुल समय}} = \frac{\Delta v}{\Delta t} $$ $$ \text{तात्क्षणिक त्वरण} = a = \frac{dv}{dt} $$ यह वेग-समय ग्राफ (velocity-time graph) की प्रवणता को दर्शाता है।
यदि त्वरण धनात्मक है, तो वस्तु की गति बढ़ रही है; यदि ऋणात्मक है (जिसे **मंदन** भी कहते हैं), तो गति घट रही है।
3.5 एकसमान त्वरित गति के लिए शुद्धगतिकी समीकरण
जब कोई वस्तु एक स्थिर त्वरण (constant acceleration) के साथ सरल रेखा में गति करती है, तो उसकी गति का वर्णन निम्नलिखित समीकरणों द्वारा किया जा सकता है, जिन्हें **गति के समीकरण (Equations of Motion)** कहते हैं:
- $v = u + at$
- $s = ut + \frac{1}{2}at^2$
- $v^2 = u^2 + 2as$
जहाँ:
- $u$ = प्रारंभिक वेग (initial velocity)
- $v$ = अंतिम वेग (final velocity)
- $a$ = त्वरण (acceleration)
- $t$ = समय (time)
- $s$ = विस्थापन (displacement)
3.6 आपेक्षिक वेग
**आपेक्षिक वेग (Relative Velocity):** यह एक वस्तु का वेग है जैसा कि किसी अन्य गतिमान वस्तु द्वारा देखा जाता है। यदि दो वस्तुएं A और B क्रमशः $v_A$ और $v_B$ वेग से गति कर रही हैं, तो:
- A का B के सापेक्ष वेग: $v_{AB} = v_A - v_B$
- B का A के सापेक्ष वेग: $v_{BA} = v_B - v_A$
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर (Questions & Answers)
I. कुछ शब्दों या एक-दो वाक्यों में उत्तर दें।
-
विस्थापन कैसी राशि है - अदिश या सदिश?
विस्थापन एक सदिश राशि है।
-
एकसमान वेग से गतिमान वस्तु का त्वरण कितना होता है?
एकसमान वेग से गतिमान वस्तु का त्वरण शून्य होता है।
-
वेग-समय ग्राफ की प्रवणता क्या दर्शाती है?
वेग-समय ग्राफ की प्रवणता त्वरण दर्शाती है।
-
गति के दूसरे समीकरण को लिखिए।
गति का दूसरा समीकरण है: $s = ut + \frac{1}{2}at^2$।
-
यदि कोई वस्तु अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाए, तो उसका कुल विस्थापन कितना होगा?
उसका कुल विस्थापन शून्य होगा।
II. प्रत्येक प्रश्न का एक लघु पैराग्राफ (लगभग 30 शब्द) में उत्तर दें।
-
पथ लंबाई और विस्थापन में मुख्य अंतर क्या है?
पथ लंबाई तय की गई कुल दूरी है और यह एक अदिश राशि है, जबकि विस्थापन प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच की सीधी दूरी है और यह एक सदिश राशि है। विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक या शून्य हो सकता है, जबकि पथ लंबाई हमेशा धनात्मक होती है।
-
औसत चाल और तात्क्षणिक चाल को परिभाषित करें।
औसत चाल कुल तय की गई दूरी और उसे तय करने में लगे कुल समय का अनुपात है। तात्क्षणिक चाल किसी विशेष क्षण पर वस्तु की चाल है, जो तात्क्षणिक वेग का परिमाण होता है।
-
त्वरण ऋणात्मक कब होता है? इसे क्या कहते हैं?
त्वरण ऋणात्मक तब होता है जब वस्तु का वेग समय के साथ घटता है। इस स्थिति को मंदन (retardation) या अवत्वरण (deceleration) कहते हैं।
-
आपेक्षिक वेग का क्या महत्व है?
आपेक्षिक वेग हमें यह समझने में मदद करता है कि एक गतिमान वस्तु दूसरी गतिमान वस्तु के संबंध में कैसे चलती है। यह दो गतिमान वस्तुओं के बीच की दूरी के परिवर्तन की दर को निर्धारित करने में सहायक है और वाहनों के टकराव, पासिंग, आदि की गणना में महत्वपूर्ण है।
III. प्रत्येक प्रश्न का दो या तीन पैराग्राफ (100–150 शब्द) में उत्तर दें।
-
सरल रेखा में एकसमान त्वरित गति के लिए गति के तीनों समीकरणों को व्युत्पन्न करें।
जब कोई वस्तु सरल रेखा में एकसमान त्वरण '$a$' से गति करती है, तो उसके प्रारंभिक वेग '$u$', अंतिम वेग '$v$', विस्थापन '$s$' और समय '$t$' के बीच संबंध को गति के समीकरणों द्वारा दर्शाया जाता है। पहला समीकरण, वेग-समय संबंध: त्वरण की परिभाषा $a = \frac{v-u}{t}$ से प्राप्त होता है। इसे $v = u + at$ के रूप में पुनर्व्यवस्थित किया जा सकता है। यह समीकरण एकसमान त्वरण के तहत किसी दिए गए समय अंतराल के बाद अंतिम वेग देता है।
दूसरा समीकरण, स्थिति-समय संबंध: औसत वेग को $\frac{u+v}{2}$ के रूप में लिखा जा सकता है। चूंकि विस्थापन $s = \text{औसत वेग} \times t$, हम $s = \left(\frac{u+v}{2}\right)t$ प्राप्त करते हैं। पहले समीकरण से $v$ का मान प्रतिस्थापित करने पर, हमें $s = \left(\frac{u + (u+at)}{2}\right)t = \left(\frac{2u+at}{2}\right)t = ut + \frac{1}{2}at^2$ मिलता है। यह समीकरण एकसमान त्वरण के तहत एक निश्चित समय में तय किए गए विस्थापन की गणना करता है। तीसरा समीकरण, स्थिति-वेग संबंध: पहले समीकरण से $t = \frac{v-u}{a}$ और दूसरे समीकरण में इस $t$ का मान प्रतिस्थापित करने पर, $s = u\left(\frac{v-u}{a}\right) + \frac{1}{2}a\left(\frac{v-u}{a}\right)^2$ प्राप्त होता है। इसे सरल करने पर $s = \frac{uv-u^2}{a} + \frac{(v-u)^2}{2a} = \frac{2uv-2u^2+v^2-2uv+u^2}{2a} = \frac{v^2-u^2}{2a}$। अंततः, हमें $v^2 = u^2 + 2as$ मिलता है, जो समय के बिना विस्थापन और वेग के बीच संबंध स्थापित करता है।
-
विभिन्न प्रकार के गति-समय ग्राफ (स्थिति-समय, वेग-समय, त्वरण-समय) की व्याख्या करें और उनके महत्व को स्पष्ट करें।
गति-समय ग्राफ वस्तुओं की गति को ग्राफिक रूप से दर्शाने के शक्तिशाली उपकरण हैं, जिससे हम गति के विभिन्न पहलुओं को आसानी से समझ सकते हैं। **स्थिति-समय ग्राफ (Position-Time Graph):** यह ग्राफ समय के साथ किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को दर्शाता है। एक सीधी रेखा, जिसका ढलान स्थिर होता है, एकसमान वेग को दर्शाती है (यानी, वस्तु स्थिर चाल से एक ही दिशा में चल रही है)। ढलान (प्रवणता) जितनी अधिक होगी, वेग उतना ही अधिक होगा। यदि ढलान बदलता है, तो वेग बदल रहा है, जिसका अर्थ है कि वस्तु त्वरित गति में है। एक क्षैतिज रेखा (शून्य ढलान) का अर्थ है कि वस्तु विराम अवस्था में है। इस ग्राफ का ढलान तात्क्षणिक वेग देता है।
**वेग-समय ग्राफ (Velocity-Time Graph):** यह ग्राफ समय के साथ वस्तु के वेग में परिवर्तन को दर्शाता है। एक सीधी रेखा जिसका ढलान स्थिर होता है, एकसमान त्वरण को दर्शाती है। यदि सीधी रेखा क्षैतिज है, तो वेग स्थिर है (शून्य त्वरण)। ग्राफ के नीचे का क्षेत्रफल विस्थापन को दर्शाता है, और ग्राफ का ढलान तात्क्षणिक त्वरण देता है। **त्वरण-समय ग्राफ (Acceleration-Time Graph):** यह ग्राफ समय के साथ वस्तु के त्वरण में परिवर्तन को दर्शाता है। एक क्षैतिज रेखा का अर्थ है कि वस्तु का त्वरण स्थिर है (उदाहरण के लिए, गुरुत्वाकर्षण के अधीन मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु)। ग्राफ के नीचे का क्षेत्रफल वेग में परिवर्तन को दर्शाता है। ये ग्राफ गति का त्वरित दृश्य विश्लेषण प्रदान करते हैं और जटिल गति की समस्याओं को हल करने में बहुत उपयोगी होते हैं।
(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। दिखावट भिन्न हो सकती है।)