अध्याय 7: लोकतंत्र के परिणाम (Outcomes of Democracy)
परिचय
कक्षा 10 नागरिक शास्त्र का यह अध्याय **'लोकतंत्र के परिणाम'** लोकतंत्र के विभिन्न परिणामों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करता है। इसमें बताया गया है कि लोकतंत्र से क्या उम्मीदें रखनी चाहिए और क्या नहीं, और यह कैसे बेहतर निर्णय लेने, जवाबदेही, आर्थिक विकास, असमानता और गरिमा जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन करता है।
---1. हम लोकतंत्र से क्या उम्मीद कर सकते हैं? (How do we assess Democracy's Outcomes?)
- लोकतंत्र शासन का एक रूप है। हम इसे अन्य वैकल्पिक शासनों से तुलना करके जान सकते हैं: तानाशाही या राजतंत्र।
- अक्सर लोग लोकतंत्र से सभी समस्याओं का समाधान होने की उम्मीद करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता।
- लोकतंत्र में केवल एक प्रक्रिया होती है जिसके माध्यम से निर्णय लिए जाते हैं। इससे बेहतर परिणाम की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन गारंटी नहीं।
- हमें लोकतंत्र के विशिष्ट परिणामों को देखना चाहिए और उसकी तुलना गैर-लोकतांत्रिक शासन से करनी चाहिए।
2. जवाबदेह, उत्तरदायी और वैध सरकार (Accountable, Responsive, and Legitimate Government)
(क) जवाबदेह और उत्तरदायी सरकार (Accountable and Responsive Government):
- **जवाबदेह (Accountable):** लोकतंत्र में सरकार जनता के प्रति जवाबदेह होती है। नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि निर्णय कैसे लिए जाते हैं।
- उदाहरण: सूचना का अधिकार (RTI)।
- सरकार को नियमित चुनाव, खुली सार्वजनिक बहस और नागरिकों के लिए सूचना के तंत्र के माध्यम से अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए।
- **उत्तरदायी (Responsive):** सरकार को लोगों की जरूरतों और अपेक्षाओं के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए।
- लोकतांत्रिक सरकारें अक्सर लोगों की मांगों को पूरा करने में उतनी प्रभावी नहीं दिखतीं।
- तानाशाही सरकारें अधिक कुशल और तेज निर्णय लेने वाली हो सकती हैं क्योंकि उन्हें जनमत की चिंता नहीं होती।
- हालाँकि, लोकतंत्र में निर्णय लेने में अधिक समय लगता है, लेकिन ये निर्णय अधिक स्वीकार्य और प्रभावी होते हैं क्योंकि उनमें अधिक लोगों की भागीदारी होती है।
(ख) वैध सरकार (Legitimate Government):
- लोकतांत्रिक सरकारें वैध सरकारें होती हैं क्योंकि वे लोगों द्वारा चुनी जाती हैं।
- यह गैर-लोकतांत्रिक सरकारों से बेहतर है, क्योंकि नागरिकों को सरकार का चुनाव करने और उसे जवाबदेह ठहराने का अधिकार होता है।
- यह वैधता ही है जो लोकतांत्रिक सरकारों को लोगों का समर्थन दिलाती है, भले ही वे उतनी कुशल न हों।
3. आर्थिक वृद्धि और विकास (Economic Growth and Development)
- लोकतांत्रिक शासन में आमतौर पर आर्थिक वृद्धि की धीमी दर देखी जाती है।
- तानाशाही में उच्च आर्थिक वृद्धि हो सकती है क्योंकि निर्णय तेजी से लिए जाते हैं और नीतियों को अधिक बलपूर्वक लागू किया जा सकता है।
- हालांकि, यह अंतर बहुत बड़ा नहीं है, खासकर गरीब देशों में।
- आर्थिक विकास कई कारकों पर निर्भर करता है: देश की जनसंख्या का आकार, वैश्विक स्थिति, अन्य देशों से सहयोग, और देश की आर्थिक प्राथमिकताएँ।
- लोकतंत्र में आर्थिक असमानता और गरीबी बनी रह सकती है। कुछ देशों में, धन का वितरण बहुत असमान है, जिससे अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती है।
- हालाँकि, लोकतंत्र में कम से कम यह उम्मीद होती है कि सरकार गरीब लोगों के लिए काम करे।
4. असमानता और गरीबी में कमी (Reduction of Inequality and Poverty)
- लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ राजनीतिक समानता पर आधारित होती हैं: हर व्यक्ति को एक वोट का अधिकार है।
- लेकिन आर्थिक असमानता के मामले में, लोकतंत्र उतने सफल नहीं रहे हैं।
- आय, धन और जीवन के अवसरों में असमानताएँ बढ़ती जा रही हैं।
- कुछ लोकतांत्रिक देशों में, एक छोटा सा समूह आय और धन के बहुत बड़े हिस्से को नियंत्रित करता है।
- गरीब आबादी की आय कम होती जा रही है, और कभी-कभी वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में भी असमर्थ होते हैं।
- सरकारें अक्सर गरीब आबादी की मदद करने के लिए उपाय नहीं करती हैं क्योंकि अमीर लोग और व्यवसायी समूह अक्सर राजनीतिक दलों को धन दान करते हैं।
5. सामाजिक विविधता का समायोजन (Accommodation of Social Diversity)
- लोकतंत्र सामाजिक विविधता को समायोजित करने में सफल रहा है।
- यह विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच संघर्ष को कम करता है।
- बेल्जियम इसका एक सफल उदाहरण है, जहाँ विभिन्न भाषाई समूहों ने एक साथ रहने का तरीका खोजा।
- यह इस धारणा पर आधारित है कि बहुमत के शासन का मतलब यह नहीं है कि बहुमत समुदाय को अल्पसंख्यक पर शासन करना चाहिए।
- लोकतंत्र में, बहुमत और अल्पसंख्यक को एक साथ काम करना चाहिए।
- हर चुनाव में अलग-अलग समूह बहुमत बना सकते हैं।
- विविधता का सम्मान और सभी की गरिमा लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
6. नागरिकों की गरिमा और स्वतंत्रता (Dignity and Freedom of Citizens)
- लोकतंत्र नागरिकों की गरिमा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है।
- हर व्यक्ति अपनी गरिमा के साथ व्यवहार किया जाना चाहता है।
- लोकतंत्र में, लोगों को सम्मान प्राप्त होता है, भले ही वे किसी भी जाति, धर्म, या लिंग के हों।
- **महिलाओं की गरिमा:** लोकतांत्रिक समाजों में महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा प्राप्त है। लैंगिक समानता के लिए संघर्ष अभी भी जारी है, लेकिन कानूनी रूप से यह स्थापित है कि महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं।
- **जातिगत असमानताएँ:** भारत में, जातिगत भेदभाव अभी भी मौजूद है, लेकिन लोकतंत्र ने कमजोर और वंचित जातियों के लिए समान दर्जा और अवसर प्रदान करने के लिए संघर्ष किया है। दलितों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई है और सरकार को इस पर प्रतिक्रिया देनी पड़ी है।
- लोकतांत्रिक शासन के लिए नागरिक स्वतंत्रता का आधार महत्वपूर्ण है। नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति सम्मान एक लोकतांत्रिक सरकार का एक महत्वपूर्ण परिणाम है।
निष्कर्ष (Conclusion)
- लोकतंत्र पूर्ण शासन नहीं है। यह चुनौतियों और सुधार की आवश्यकता वाला शासन है।
- लोकतंत्र की ताकत उसके नागरिकों की क्षमता में निहित है कि वे अपनी अपेक्षाओं का मूल्यांकन करें और अपनी शिकायतों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करें।
- जब हम लोकतंत्र की आलोचना करते हैं, तो यह दिखाता है कि हम लोकतंत्र के लिए उच्च मानक रखते हैं और इसे और भी बेहतर बनाना चाहते हैं।
- हमें लोकतंत्र के परिणाम के रूप में मिलने वाले लाभों को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, जैसे कि नागरिक स्वतंत्रता, समानता और सरकार की जवाबदेही।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
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निम्नलिखित में से कौन सा लोकतंत्र का सबसे बुनियादी परिणाम है?
(क) आर्थिक समानता
(ख) जवाबदेह और वैध सरकार
(ग) उच्च आर्थिक विकास
(घ) सामाजिक संघर्षों का पूर्ण अभाव(ख) जवाबदेह और वैध सरकार
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लोकतंत्र में निर्णय लेने में अधिक समय क्यों लगता है?
(क) क्योंकि सरकार अक्षम होती है।
(ख) क्योंकि इसमें पारदर्शिता और बहस की प्रक्रिया शामिल होती है।
(ग) क्योंकि तानाशाही से तुलना में यह धीमी होती है।
(घ) उपर्युक्त सभी।(ख) क्योंकि इसमें पारदर्शिता और बहस की प्रक्रिया शामिल होती है।
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लोकतंत्र का कौन सा परिणाम व्यक्तियों की गरिमा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है?
(क) आर्थिक विकास
(ख) सरकार की वैधता
(ग) राजनीतिक समानता
(घ) उपर्युक्त सभी(घ) उपर्युक्त सभी (ये सभी गरिमा और स्वतंत्रता से जुड़े हैं, विशेषकर राजनीतिक समानता एक बुनियादी तत्व है)
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अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में कौन सी समस्या अभी भी बनी हुई है?
(क) राजनीतिक अस्थिरता
(ख) आर्थिक असमानता
(ग) धार्मिक संघर्ष
(घ) लैंगिक भेदभाव(ख) आर्थिक असमानता
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें (Answer the following questions in about 30 words)
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जवाबदेह सरकार से आपका क्या मतलब है?
जवाबदेह सरकार का अर्थ है कि सरकार को अपने निर्णयों और कार्यों के लिए नागरिकों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए। नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि निर्णय कैसे लिए गए, और वे सरकार को उसके प्रदर्शन के लिए चुनौती दे सकते हैं (जैसे चुनावों के माध्यम से)।
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लोकतांत्रिक सरकार को वैध क्यों माना जाता है?
लोकतांत्रिक सरकार को वैध माना जाता है क्योंकि इसे लोगों द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से चुना जाता है। यह लोगों की सहमति पर आधारित होती है, जिससे इसे नैतिक और कानूनी अधिकार प्राप्त होता है, भले ही यह हमेशा कुशल न हो।
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लोकतंत्र में आर्थिक असमानता कैसे एक चुनौती है?
लोकतंत्र में आर्थिक असमानता एक चुनौती है क्योंकि यह राजनीतिक समानता के सिद्धांत के विपरीत है। अमीर और गरीब के बीच की बढ़ती खाई गरीबों के लिए बुनियादी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल बना देती है, और यह राजनीतिक निर्णयों को भी प्रभावित कर सकती है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दें (Answer the following questions in about 120 words)
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लोकतांत्रिक सरकारें गैर-लोकतांत्रिक सरकारों से बेहतर क्यों हैं? तर्क दें।
लोकतांत्रिक सरकारें गैर-लोकतांत्रिक सरकारों (जैसे तानाशाही या राजतंत्र) से कई महत्वपूर्ण मायनों में बेहतर हैं, भले ही उनकी गति या दक्षता कभी-कभी कम प्रतीत हो:
- **वैधता और जवाबदेही:** लोकतांत्रिक सरकारें वैध होती हैं क्योंकि वे लोगों द्वारा चुनी जाती हैं और जनता की सहमति पर आधारित होती हैं। वे नागरिकों के प्रति जवाबदेह होती हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें अपने निर्णयों और कार्यों के लिए लोगों को स्पष्टीकरण देना होता है। गैर-लोकतांत्रिक सरकारें अक्सर बल पर आधारित होती हैं और किसी के प्रति जवाबदेह नहीं होतीं।
- **नागरिकों की गरिमा और स्वतंत्रता:** लोकतंत्र व्यक्तियों की गरिमा और स्वतंत्रता को बढ़ावा देता है। यह सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों और अवसरों को सुनिश्चित करने का प्रयास करता है, चाहे उनकी जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। गैर-लोकतांत्रिक शासन में, नागरिक स्वतंत्रताएँ अक्सर प्रतिबंधित होती हैं और शासक अपनी इच्छा के अनुसार कार्य कर सकते हैं।
- **सामाजिक विविधता का समायोजन:** लोकतंत्र में सामाजिक विविधता को समायोजित करने की क्षमता होती है। यह विभिन्न सामाजिक समूहों को अपनी आवाज उठाने, बातचीत करने और शांतिपूर्वक अपने मतभेदों को हल करने के अवसर प्रदान करता है, जिससे सामाजिक संघर्षों की संभावना कम होती है। गैर-लोकतांत्रिक शासन अक्सर बहुसंख्यक के वर्चस्व या अल्पसंख्यकों के दमन पर आधारित होते हैं।
- **पारदर्शिता और बहस:** लोकतांत्रिक निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सार्वजनिक बहस शामिल होती है। यद्यपि इसमें समय लग सकता है, लेकिन इन निर्णयों में व्यापक स्वीकृति और वैधता होती है। गैर-लोकतांत्रिक शासन में निर्णय अक्सर बंद दरवाजों के पीछे लिए जाते हैं, जिससे भ्रष्टाचार और मनमानी बढ़ सकती है।
- **स्वयं को सुधारने की क्षमता:** लोकतंत्र में स्वयं को सुधारने की अंतर्निहित क्षमता होती है। लोग अपनी गलतियों को सुधारने और भविष्य में बेहतर निर्णय लेने के लिए अपनी सरकार को बदल सकते हैं या उस पर दबाव डाल सकते हैं। गैर-लोकतांत्रिक शासनों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होती, जिससे बदलाव केवल विद्रोह या क्रांति के माध्यम से ही संभव हो पाता है।
इन कारणों से, लोकतंत्र नागरिकों के लिए अधिक सम्मानजनक, समावेशी और स्थायी शासन व्यवस्था है, जो एक बेहतर समाज के निर्माण की दिशा में काम करता है। -
क्या लोकतंत्र आर्थिक असमानता और गरीबी को कम करने में सफल रहा है? विश्लेषण करें।
लोकतंत्र राजनीतिक समानता के सिद्धांत पर आधारित है – 'एक व्यक्ति, एक वोट, एक मूल्य'। हालांकि, जब आर्थिक असमानता और गरीबी को कम करने की बात आती है, तो लोकतंत्र का प्रदर्शन उतना प्रभावशाली नहीं रहा है।
- **आर्थिक असमानता में वृद्धि:** कई लोकतांत्रिक देशों में, आर्थिक असमानता वास्तव में बढ़ रही है। सबसे अमीर 1% आबादी आय और धन के बहुत बड़े हिस्से को नियंत्रित करती है, जबकि गरीब आबादी का हिस्सा लगातार कम होता जा रहा है। भारत जैसे देशों में भी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग अक्सर अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते हैं।
- **सरकार की प्रतिक्रिया:** यह उम्मीद की जाती है कि लोकतांत्रिक सरकारें गरीबों के लिए काम करेंगी और आर्थिक असमानता को कम करेंगी, क्योंकि गरीबों की संख्या अधिक होती है और वे चुनावों में निर्णायक हो सकते हैं। हालांकि, व्यवहार में, कई सरकारें ऐसा करने में विफल रही हैं। अमीर और प्रभावशाली समूह अक्सर राजनीतिक दलों और नीतियों को प्रभावित करने में सक्षम होते हैं, जिससे गरीबों के लिए प्रभावी नीतियाँ नहीं बन पातीं।
- **गैर-लोकतांत्रिक शासन से तुलना:** तानाशाही या अन्य गैर-लोकतांत्रिक शासन भी अक्सर आर्थिक असमानता को दूर करने में विफल रहे हैं, और कई बार तो उन्हें गरीबों की कोई परवाह ही नहीं होती। कुछ तानाशाहियों ने भले ही उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल की हो, लेकिन इसका लाभ अक्सर सभी वर्गों तक नहीं पहुँचा है।
- **लोकतंत्र में उम्मीद:** हालांकि लोकतंत्र आर्थिक असमानता को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाया है, यह कम से कम लोगों को असमानता के खिलाफ आवाज उठाने, विरोध प्रदर्शन करने और सरकार पर दबाव डालने का अवसर प्रदान करता है। नागरिक अपनी शिकायतों को सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर सकते हैं और सामाजिक और आर्थिक न्याय की मांग कर सकते हैं, जैसा कि भारत में कई जन आंदोलनों में देखा गया है।
निष्कर्षतः, लोकतंत्र आर्थिक असमानता को दूर करने में पूरी तरह सफल नहीं रहा है, और यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, यह नागरिकों को असमानता के खिलाफ लड़ने और बेहतर आर्थिक न्याय के लिए अपनी मांगों को रखने का अधिकार देता है, जो गैर-लोकतांत्रिक शासन में संभव नहीं है। यह इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। प्रकटन भिन्न हो सकता है।)