अध्याय 1: सत्ता की साझेदारी (Power Sharing)
परिचय
कक्षा 10 नागरिक शास्त्र का यह अध्याय **'सत्ता की साझेदारी'** हमें बताता है कि लोकतंत्र में सत्ता को विभिन्न समूहों और संस्थानों के बीच क्यों और कैसे साझा किया जाता है। यह अध्याय दो केस स्टडीज़ - **बेल्जियम और श्रीलंका** - के माध्यम से सत्ता की साझेदारी के लाभों और इसके अभाव के परिणामों को स्पष्ट करता है।
---1. बेल्जियम और श्रीलंका: दो कहानियाँ
(क) बेल्जियम (Belgium)
- बेल्जियम यूरोप का एक छोटा सा देश है, जिसकी आबादी लगभग एक करोड़ (हरियाणा की आबादी का लगभग आधा) है।
- **जातीय संरचना (Ethnic Composition):**
- कुल जनसंख्या का 59% फ्लेमिश क्षेत्र में रहता है और डच बोलता है।
- 40% वालोनिया क्षेत्र में रहता है और फ्रेंच बोलता है।
- शेष 1% जर्मन बोलते हैं।
- **राजधानी ब्रुसेल्स में स्थिति:** ब्रुसेल्स में 80% लोग फ्रेंच भाषी हैं, जबकि 20% डच भाषी हैं।
- **समस्या:** डच भाषी लोग देश में बहुमत में थे, लेकिन राजधानी में अल्पसंख्यक थे। फ्रेंच भाषी लोग अल्पसंख्यक थे लेकिन समृद्ध और शक्तिशाली थे, जिसका लाभ उन्हें शिक्षा और आर्थिक विकास में पहले मिला था। इससे 1950 और 1960 के दशक में डच और फ्रेंच भाषी समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया।
- **बेल्जियम मॉडल (Belgian Model):**
- बेल्जियम के नेताओं ने क्षेत्रीय अंतरों और सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार किया।
- उन्होंने 1970 और 1993 के बीच अपने संविधान में चार बार संशोधन किए ताकि देश में किसी को भी बेग़ाना महसूस न हो।
- इस मॉडल के मुख्य तत्व थे:
- **केंद्र सरकार में समान प्रतिनिधित्व:** केंद्रीय सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या समान होगी। कोई भी एक समुदाय अकेले कानून नहीं बना सकता।
- **राज्य सरकारों को शक्तियाँ:** केंद्र सरकार की कई शक्तियाँ राज्य सरकारों को दी गईं। राज्य सरकारें केंद्र सरकार के अधीन नहीं हैं।
- **ब्रुसेल्स की अलग सरकार:** ब्रुसेल्स की अपनी अलग सरकार है जिसमें दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व है। (क्योंकि ब्रुसेल्स में फ्रेंच भाषी बहुमत में थे, उन्होंने डच भाषी लोगों के साथ समान प्रतिनिधित्व स्वीकार किया, क्योंकि डच भाषी लोगों ने केंद्र में समान प्रतिनिधित्व स्वीकार किया था।)
- **सामुदायिक सरकार (Community Government):** तीसरे स्तर की सरकार - सामुदायिक सरकार - का गठन किया गया। इस सरकार का चुनाव एक भाषा समुदाय (डच, फ्रेंच और जर्मन भाषी) के लोगों द्वारा किया जाता है, भले ही वे कहीं भी रहते हों। इस सरकार को शिक्षा, भाषा और संस्कृति से संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेने की शक्ति प्राप्त है।
- **परिणाम:** इस बेल्जियम मॉडल ने देश में गृहयुद्ध से बचने में मदद की और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखी। ब्रुसेल्स को यूरोपीय संघ का मुख्यालय बनाया गया।
(ख) श्रीलंका (Sri Lanka)
- श्रीलंका एक द्वीपीय राष्ट्र है जो भारत के दक्षिणी तट से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है। इसकी आबादी लगभग दो करोड़ (हरियाणा के बराबर) है।
- **जातीय संरचना:**
- सिंहली भाषी: कुल जनसंख्या का 74%।
- तमिल भाषी: कुल जनसंख्या का 18% (श्रीलंका के तमिल 13%, भारतीय मूल के तमिल 5%)।
- सिंहलियों में ज्यादातर बौद्ध हैं, जबकि तमिलों में हिंदू और मुसलमान हैं। ईसाई लोग 7% हैं, जो सिंहली और तमिल दोनों हैं।
- **बहुसंख्यकवाद (Majoritarianism):**
- श्रीलंका में सिंहली समुदाय बहुमत में था, और उसने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर हावी होने की कोशिश की।
- **1956 का अधिनियम (Act of 1956):** 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार ने सिंहली सर्वोच्चता स्थापित करने के लिए कई बहुसंख्यकवादी उपाय किए:
- सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित किया गया, जिससे तमिलों की उपेक्षा हुई।
- विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहली आवेदकों को प्राथमिकता दी गई।
- एक नए संविधान में बौद्ध धर्म को राज्य धर्म के रूप में संरक्षित करने और बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया।
- **परिणाम:** इन सरकारी उपायों ने श्रीलंकाई तमिलों के बीच अलगाव की भावना पैदा की। उन्होंने महसूस किया कि बौद्ध सिंहली नेताओं द्वारा शासित सरकारें उनकी संस्कृति, भाषा और धर्म के प्रति असंवेदनशील थीं। इससे सिंहली और तमिल समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया।
- **गृहयुद्ध (Civil War):**
- श्रीलंकाई तमिलों ने अपनी राजनीतिक पार्टियों का गठन किया और तमिल को राजभाषा बनाने, क्षेत्रीय स्वायत्तता और शिक्षा व रोजगार में समानता की मांग की।
- उनकी मांगों को बार-बार नकारा गया, जिससे उन्होंने एक स्वतंत्र तमिल राज्य (ईलम) की मांग की।
- दोनों समुदायों के बीच अविश्वास और शत्रुता ने गृहयुद्ध का रूप ले लिया।
- गृहयुद्ध के परिणामस्वरूप हजारों लोग मारे गए, और देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन पर भयानक प्रभाव पड़ा। 2009 में यह गृहयुद्ध समाप्त हुआ।
2. सत्ता की साझेदारी वांछनीय क्यों है? (Why is Power Sharing Desirable?)
सत्ता की साझेदारी वांछनीय है क्योंकि इसके दो मुख्य कारण हैं:
(क) विवेकपूर्ण कारण (Prudential Reasons):
- यह सामाजिक समूहों के बीच टकराव की संभावना को कम करता है। सामाजिक संघर्ष अक्सर हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता को जन्म देता है। सत्ता की साझेदारी राजनीतिक व्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करती है।
- बहुसंख्यक का अत्याचार अल्पसंख्यकों के लिए उत्पीड़न हो सकता है, लेकिन यह अक्सर बहुमत के लिए भी विनाश लाता है।
(ख) नैतिक कारण (Moral Reasons):
- सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र की आत्मा है।
- एक वैध सरकार वह है जहाँ नागरिक भागीदारी के माध्यम से सरकार में अपना हिस्सा प्राप्त करते हैं।
- लोगों को यह अधिकार है कि उनसे कैसे शासन किया जाए, इस पर सलाह ली जाए।
3. सत्ता की साझेदारी के रूप (Forms of Power Sharing)
आधुनिक लोकतंत्रों में, सत्ता की साझेदारी के विभिन्न रूप हो सकते हैं:
(क) सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का क्षैतिज वितरण (Horizontal Distribution of Power):
- सत्ता को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका जैसे सरकार के विभिन्न अंगों के बीच साझा किया जाता है।
- इससे सरकार के किसी भी एक अंग में शक्ति का असीमित जमाव नहीं होता है।
- यह **जांच और संतुलन की प्रणाली (Checks and Balances System)** सुनिश्चित करता है। प्रत्येक अंग दूसरे पर नियंत्रण रखता है।
- उदाहरण: न्यायाधीशों की नियुक्ति कार्यपालिका करती है, लेकिन न्यायाधीश कार्यपालिका द्वारा बनाए गए कानूनों की वैधता की जांच कर सकते हैं।
(ख) सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण (Vertical Distribution of Power):
- सत्ता को सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच साझा किया जाता है: **एक सामान्य सरकार पूरे देश के लिए (केंद्र या संघीय सरकार) और क्षेत्रीय स्तर पर सरकारें (राज्य या प्रांतीय सरकारें)।**
- यह संघीय सरकार (federal government) का एक उदाहरण है।
- भारत में, हमारे पास केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकारें (पंचायती राज, नगरपालिकाएँ) हैं।
(ग) विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी (Power Sharing Among Different Social Groups):
- सत्ता को विभिन्न सामाजिक समूहों (जैसे भाषाई या धार्मिक समूहों) के बीच साझा किया जा सकता है।
- **सामुदायिक सरकार (Community Government):** बेल्जियम में एक अच्छा उदाहरण है।
- **आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र (Reserved Constituencies):** भारत में, अनुसूचित जातियों (SCs) और अनुसूचित जनजातियों (STs) के लिए विधानसभाओं और संसद में सीटें आरक्षित हैं ताकि वंचित समूहों को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
(घ) राजनीतिक दलों, दबाव समूहों और आंदोलनों के बीच सत्ता की साझेदारी (Power Sharing Among Political Parties, Pressure Groups, and Movements):
- यह सुनिश्चित करता है कि सत्ता एक व्यक्ति या समूह के हाथ में न रहे।
- **विभिन्न दल प्रतिस्पर्धा करते हैं:** चुनाव में, विभिन्न राजनीतिक दल सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।
- **गठबंधन सरकार (Coalition Government):** यदि कोई एक पार्टी बहुमत नहीं जीत पाती, तो दो या दो से अधिक पार्टियां गठबंधन बनाकर सरकार बना सकती हैं। इस प्रकार वे सत्ता साझा करते हैं।
- **दबाव समूह (Pressure Groups) और आंदोलन (Movements):** ये सरकार पर अपने हितों की पूर्ति के लिए दबाव डालते हैं। वे जनमत को प्रभावित करते हैं और सरकार को अपने निर्णयों में विभिन्न हितों का ध्यान रखने के लिए मजबूर करते हैं।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
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बेल्जियम मॉडल की एक विशेषता नहीं है:
(क) केंद्र सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की समान संख्या।
(ख) राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के अधीन बनाया गया।
(ग) ब्रुसेल्स की एक अलग सरकार जिसमें दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व।
(घ) सामुदायिक सरकार का गठन।(ख) राज्य सरकारों को केंद्र सरकार के अधीन बनाया गया। (वास्तव में, राज्य सरकारें केंद्र सरकार के अधीन नहीं थीं, उन्हें स्वायत्तता दी गई थी।)
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श्रीलंका में बहुसंख्यक समुदाय है:
(क) तमिल
(ख) सिंहली
(ग) मुस्लिम
(घ) ईसाई(ख) सिंहली
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सत्ता के क्षैतिज वितरण का उदाहरण है:
(क) केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार।
(ख) विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।
(ग) विभिन्न सामाजिक समूह।
(घ) राजनीतिक दल और दबाव समूह।(ख) विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।
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सत्ता की साझेदारी के नैतिक कारण में से एक है:
(क) यह सामाजिक संघर्ष को कम करता है।
(ख) यह राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करता है।
(ग) यह लोकतंत्र की आत्मा है।
(घ) यह बहुमत के अत्याचार से बचाता है।(ग) यह लोकतंत्र की आत्मा है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें (Answer the following questions in about 30 words)
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सत्ता की साझेदारी क्या है?
सत्ता की साझेदारी एक लोकतांत्रिक व्यवस्था है जिसमें सरकार की शक्ति को विभिन्न स्तरों (जैसे केंद्र, राज्य), अंगों (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) या सामाजिक समूहों (भाषाई, धार्मिक) के बीच विभाजित किया जाता है ताकि सभी को प्रतिनिधित्व मिल सके और संघर्ष कम हो।
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बेल्जियम मॉडल की मुख्य विशेषताएँ क्या थीं?
बेल्जियम मॉडल की मुख्य विशेषताएँ थीं: केंद्र सरकार में फ्रेंच और डच मंत्रियों की समान संख्या, राज्य सरकारों को स्वायत्तता, ब्रुसेल्स की अलग सरकार, और सामुदायिक सरकार का गठन जो भाषाई और सांस्कृतिक मामलों को देखती थी।
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श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद से क्या तात्पर्य है?
श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद का अर्थ है कि बहुसंख्यक सिंहली समुदाय ने अपनी संख्यात्मक शक्ति के आधार पर अल्पसंख्यकों (तमिलों) की इच्छाओं और हितों की उपेक्षा करते हुए सरकार और नीति-निर्माण पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश की।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दें (Answer the following questions in about 120 words)
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सत्ता की साझेदारी क्यों वांछनीय है? विवेकपूर्ण और नैतिक कारणों का उल्लेख करें।
सत्ता की साझेदारी कई कारणों से वांछनीय है, जिन्हें दो मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है: विवेकपूर्ण (Prudential) और नैतिक (Moral)।
- **विवेकपूर्ण कारण (Prudential Reasons):**
- **सामाजिक संघर्ष को कम करना:** सत्ता की साझेदारी सामाजिक समूहों के बीच संघर्ष की संभावना को कम करती है। यदि सत्ता को साझा नहीं किया जाता है, तो विभिन्न सामाजिक समूह सत्ता के लिए संघर्ष कर सकते हैं, जिससे हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है, जैसा कि श्रीलंका में देखा गया।
- **राजनीतिक स्थिरता:** यह राजनीतिक व्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करती है। बहुसंख्यक का अल्पसंख्यक पर वर्चस्व केवल अल्पसंख्यकों के लिए ही दमनकारी नहीं होता, बल्कि अक्सर बहुसंख्यक समुदाय के लिए भी विनाशकारी हो सकता है, क्योंकि इससे गृहयुद्ध या विभाजन हो सकता है।
- **बेहतर निर्णय लेना:** जब विभिन्न समूहों को सत्ता में शामिल किया जाता है, तो निर्णय अधिक समावेशी और संतुलित होते हैं, क्योंकि वे विभिन्न दृष्टिकोणों और चिंताओं को ध्यान में रखते हैं।
- **नैतिक कारण (Moral Reasons):**
- **लोकतंत्र की आत्मा:** सत्ता की साझेदारी वास्तव में लोकतंत्र की आत्मा है। एक लोकतांत्रिक सरकार का मूल सिद्धांत यह है कि शक्ति एक व्यक्ति या समूह के हाथ में केंद्रित नहीं होनी चाहिए, बल्कि लोगों के बीच वितरित होनी चाहिए।
- **वैध सरकार:** एक वैध सरकार वह होती है जहाँ नागरिक भागीदारी के माध्यम से सरकार में अपना हिस्सा प्राप्त करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि लोग खुद को शासित करने के तरीके में शामिल महसूस करें।
- **नागरिकों का अधिकार:** नागरिकों को यह अधिकार है कि उनसे कैसे शासन किया जाए, इस पर सलाह ली जाए। सत्ता की साझेदारी इस अधिकार को बनाए रखती है और सभी को शासन प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर देती है।
इस प्रकार, सत्ता की साझेदारी न केवल संघर्ष को रोकती है और स्थिरता लाती है (विवेकपूर्ण), बल्कि यह लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों और सिद्धांतों को भी मजबूत करती है (नैतिक)। - **विवेकपूर्ण कारण (Prudential Reasons):**
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सत्ता की साझेदारी के विभिन्न रूपों का वर्णन करें।
आधुनिक लोकतंत्रों में, सत्ता की साझेदारी कई रूपों में हो सकती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि शक्ति किसी एक समूह या व्यक्ति के हाथ में केंद्रित न हो:
- **सरकार के विभिन्न अंगों के बीच (क्षैतिज वितरण):**
- सत्ता को विधायिका (जो कानून बनाती है), कार्यपालिका (जो कानूनों को लागू करती है), और न्यायपालिका (जो कानूनों की व्याख्या करती है) जैसे सरकार के विभिन्न अंगों के बीच साझा किया जाता है।
- इसे **जांच और संतुलन की प्रणाली (Checks and Balances System)** भी कहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक अंग दूसरे पर नियंत्रण रखता है, जिससे किसी भी एक अंग को असीमित शक्ति प्राप्त नहीं होती। उदाहरण के लिए, न्यायाधीशों की नियुक्ति कार्यपालिका करती है, लेकिन न्यायाधीश कार्यपालिका द्वारा किए गए किसी भी अवैध कार्य की जांच कर सकते हैं।
- **सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच (ऊर्ध्वाधर वितरण):**
- सत्ता को सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच साझा किया जाता है: पूरे देश के लिए एक सामान्य सरकार (जिसे केंद्र सरकार या संघीय सरकार कहा जाता है) और प्रांतीय या क्षेत्रीय स्तरों पर सरकारें (राज्य सरकारें)।
- भारत में, हमारे पास केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और स्थानीय सरकारें (जैसे पंचायतें और नगरपालिकाएँ) हैं। सत्ता का यह विभाजन संघीय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- **विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच:**
- सत्ता को विभिन्न सामाजिक समूहों, जैसे भाषाई या धार्मिक समूहों के बीच भी साझा किया जा सकता है। यह अल्पसंख्यक समुदायों को सरकार में प्रतिनिधित्व देने का एक तरीका है।
- बेल्जियम की **सामुदायिक सरकार** इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहाँ विभिन्न भाषाई समूहों को अपनी संस्कृति, भाषा और शिक्षा से संबंधित मामलों पर अधिकार दिए गए। भारत में, **आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र** अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हैं।
- **राजनीतिक दलों, दबाव समूहों और आंदोलनों के बीच:**
- लोकतंत्र में, सत्ता विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच भी साझा की जाती है जो चुनावों में प्रतिस्पर्धा करते हैं। यदि कोई एक पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाती, तो वे **गठबंधन सरकार** बनाने के लिए एक साथ आ सकते हैं और सत्ता साझा कर सकते हैं।
- इसके अलावा, **दबाव समूह** और **आंदोलन** भी सरकार की नीतियों को प्रभावित करके अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता साझा करते हैं। वे अपने हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और सरकार पर दबाव डालते हैं कि वह उनके दृष्टिकोणों को ध्यान में रखे, जिससे सत्ता का वितरण व्यापक होता है।
ये विभिन्न रूप सुनिश्चित करते हैं कि लोकतंत्र में सत्ता का उपयोग मनमाना न हो और समाज के सभी वर्गों की आवाज सुनी जा सके। - **सरकार के विभिन्न अंगों के बीच (क्षैतिज वितरण):**
(ब्राउज़र के प्रिंट-टू-पीडीएफ फ़ंक्शन का उपयोग करता है। प्रकटन भिन्न हो सकता है।)