अध्याय 12: विद्युत (Electricity)

परिचय

कक्षा 10 विज्ञान का बारहवाँ अध्याय **'विद्युत' (Electricity)** है। यह अध्याय हमारे दैनिक जीवन में विद्युत के महत्व को बताता है और इसके मूल सिद्धांतों की पड़ताल करता है। हम विद्युत धारा, विद्युत विभव, ओम का नियम, प्रतिरोध, परिपथों में प्रतिरोधों का संयोजन, विद्युत धारा के तापीय प्रभाव और विद्युत शक्ति जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाओं का अध्ययन करेंगे। यह अध्याय हमें विद्युत के अनुप्रयोगों और सुरक्षा उपायों को समझने में मदद करेगा।

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1. विद्युत धारा (Electric Current)

**विद्युत धारा (Electric Current)** को किसी चालक में प्रति इकाई समय में प्रवाहित होने वाले आवेश की मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है।

$I = \frac{Q}{t}$

जहाँ $I$ = विद्युत धारा, $Q$ = आवेश, $t$ = समय।

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2. विद्युत विभव और विभवांतर (Electric Potential and Potential Difference)

**विद्युत विभव (Electric Potential):** प्रति इकाई आवेश को अनंत से किसी बिंदु तक लाने में किया गया कार्य।

**विभवांतर (Potential Difference, V):** प्रति इकाई आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य।

$V = \frac{W}{Q}$

जहाँ $V$ = विभवांतर, $W$ = किया गया कार्य, $Q$ = आवेश।

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3. ओम का नियम (Ohm's Law)

जर्मन भौतिक विज्ञानी जॉर्ज साइमन ओम (George Simon Ohm) ने विद्युत धारा और विभवांतर के बीच संबंध स्थापित किया।

**ओम का नियम:** किसी विद्युत परिपथ में धातु के तार के सिरों के बीच विभवांतर उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा के अनुक्रमानुपाती होता है, बशर्ते उसका तापमान समान रहे।

$V \propto I \quad \text{या} \quad V = IR$

जहाँ $R$ = आनुपातिकता स्थिरांक, जिसे **प्रतिरोध (Resistance)** कहते हैं।

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4. प्रतिरोध (Resistance)

**प्रतिरोध (Resistance, R)** चालक का वह गुण है जो उसमें से आवेश के प्रवाह का विरोध करता है।

(a) चालक का प्रतिरोध जिन कारकों पर निर्भर करता है (Factors on which Resistance of a Conductor Depends)

$R = \rho \frac{l}{A}$

जहाँ $\rho$ (रो) = पदार्थ की **प्रतिरोधकता (Resistivity)** है।

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5. प्रतिरोधों का संयोजन (Combination of Resistors)

विद्युत परिपथों में प्रतिरोधों को दो मुख्य तरीकों से जोड़ा जा सकता है:

(a) श्रेणीक्रम संयोजन (Resistors in Series)

जब प्रतिरोधों को एक के बाद एक जोड़ा जाता है, ताकि उनमें से एक ही धारा प्रवाहित हो।

श्रेणीक्रम में प्रतिरोध

(b) समांतरक्रम संयोजन (Resistors in Parallel)

जब प्रतिरोधों को इस प्रकार जोड़ा जाता है कि उनके सिरे एक ही दो बिंदुओं के बीच जुड़े हों, जिससे धारा विभाजित हो जाए।

समांतरक्रम में प्रतिरोध ---

6. विद्युत धारा का तापीय प्रभाव (Heating Effect of Electric Current)

जब एक विद्युत धारा किसी प्रतिरोधक में से प्रवाहित होती है, तो प्रतिरोधक ऊष्मा उत्पन्न करता है। इसे **विद्युत धारा का तापीय प्रभाव** या **जूल का तापन नियम (Joule's Law of Heating)** कहते हैं।

$H = I^2 R t$

जहाँ $H$ = उत्पन्न ऊष्मा, $I$ = धारा, $R$ = प्रतिरोध, $t$ = समय।

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7. विद्युत शक्ति (Electric Power)

**विद्युत शक्ति (Electric Power, P)** उस दर को कहते हैं जिस पर विद्युत ऊर्जा उपभोग या व्यय होती है।

$P = VI$

ओम के नियम ($V=IR$) का उपयोग करके, इसे निम्न रूपों में भी व्यक्त किया जा सकता है:

$P = I^2 R \quad \text{या} \quad P = \frac{V^2}{R}$

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर

अभ्यास के प्रश्न

  1. किसी विद्युत परिपथ में एमीटर को किस प्रकार जोड़ा जाता है?

    किसी विद्युत परिपथ में एमीटर को हमेशा **श्रेणीक्रम (in series)** में जोड़ा जाता है ताकि यह पूरे परिपथ में प्रवाहित होने वाली धारा को माप सके।

  2. उस भौतिक राशि का नाम बताइए जिसका मात्रक कूलम्ब है।

    उस भौतिक राशि का नाम **विद्युत आवेश (Electric Charge)** है, जिसका मात्रक कूलम्ब (Coulomb) है।

  3. 20 $\Omega$ प्रतिरोध वाली कोई विद्युत इस्त्री 5 A विद्युत धारा लेती है। 30 सेकंड में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।

    दिया है: प्रतिरोध $R = 20 \Omega$, धारा $I = 5 \text{ A}$, समय $t = 30 \text{ s}$।
    उत्पन्न ऊष्मा ($H$) के लिए जूल का तापन नियम प्रयोग करेंगे: $H = I^2 R t$
    $H = (5)^2 \times 20 \times 30$
    $H = 25 \times 20 \times 30$
    $H = 500 \times 30$
    $H = 15000 \text{ J}$
    अतः, 30 सेकंड में उत्पन्न ऊष्मा **15000 जूल** है।

  4. दो विद्युत बल्बों में से एक पर 100 W; 220 V तथा दूसरे पर 60 W; 220 V अंकित है। इन्हें 220 V विद्युत आपूर्ति के साथ समांतर क्रम में संयोजित किया गया है। विद्युत मेन से कितनी धारा ली जाती है?

    बल्ब 1 के लिए: $P_1 = 100 \text{ W}$, $V = 220 \text{ V}$
    बल्ब 2 के लिए: $P_2 = 60 \text{ W}$, $V = 220 \text{ V}$
    जब बल्बों को समांतर क्रम में जोड़ा जाता है, तो कुल शक्ति अलग-अलग शक्तियों का योग होती है:
    $P_{कुल} = P_1 + P_2 = 100 \text{ W} + 60 \text{ W} = 160 \text{ W}$
    विद्युत शक्ति का सूत्र $P = VI$ होता है, इसलिए $I = P/V$।
    विद्युत मेन से ली गई कुल धारा $I_{कुल} = \frac{P_{कुल}}{V} = \frac{160 \text{ W}}{220 \text{ V}}$
    $I_{कुल} = \frac{16}{22} = \frac{8}{11} \text{ A}$
    $I_{कुल} \approx 0.727 \text{ A}$
    अतः, विद्युत मेन से लगभग **0.73 A** की धारा ली जाती है।



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