अध्याय 8: त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction to Trigonometry)

परिचय

कक्षा 10 के गणित का आठवाँ अध्याय **'त्रिकोणमिति का परिचय' (Introduction to Trigonometry)** है। 'त्रिकोणमिति' शब्द दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है, 'ट्राई' (जिसका अर्थ तीन है) और 'मेट्रॉन' (जिसका अर्थ माप है)। यह गणित की वह शाखा है जो त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच संबंधों का अध्ययन करती है, विशेष रूप से समकोण त्रिभुजों में। त्रिकोणमिति का उपयोग इंजीनियरिंग, भौतिकी, खगोल विज्ञान और नेविगेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जाता है।

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1. त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios)

एक समकोण त्रिभुज $ABC$ में, जहाँ $\angle B$ समकोण है, हम न्यून कोण (acute angle) $\angle A$ (या $\angle C$) के लिए कुछ अनुपात परिभाषित करते हैं जो कोण के संबंध में भुजाओं की लंबाई से संबंधित होते हैं। इन अनुपातों को **त्रिकोणमितीय अनुपात** कहा जाता है।

$\angle A$ के लिए:

त्रिकोणमितीय अनुपात हैं:

याद रखने के लिए एक सामान्य संक्षिप्त नाम है: **पंडित बद्री प्रसाद, हर हर बोले, सोना चांदी तोले (PBP, HHB, SCT)**, जिसका अर्थ है:

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2. कुछ विशिष्ट कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios of Some Specific Angles)

कुछ विशिष्ट कोणों (0°, 30°, 45°, 60°, 90°) के लिए त्रिकोणमितीय अनुपातों के मानों को जानना महत्वपूर्ण है।

कोण (A) $\rightarrow$ 30° 45° 60° 90°
$\sin A$ 0 $\frac{1}{2}$ $\frac{1}{\sqrt{2}}$ $\frac{\sqrt{3}}{2}$ 1
$\cos A$ 1 $\frac{\sqrt{3}}{2}$ $\frac{1}{\sqrt{2}}$ $\frac{1}{2}$ 0
$\tan A$ 0 $\frac{1}{\sqrt{3}}$ 1 $\sqrt{3}$ अपरिभाषित
$\text{cosec } A$ अपरिभाषित 2 $\sqrt{2}$ $\frac{2}{\sqrt{3}}$ 1
$\sec A$ 1 $\frac{2}{\sqrt{3}}$ $\sqrt{2}$ 2 अपरिभाषित
$\cot A$ अपरिभाषित $\sqrt{3}$ 1 $\frac{1}{\sqrt{3}}$ 0
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3. पूरक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात (Trigonometric Ratios of Complementary Angles)

दो कोण पूरक कहलाते हैं यदि उनका योग 90° हो।

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4. त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ (Trigonometric Identities)

एक समीकरण जिसमें त्रिकोणमितीय अनुपात शामिल हों और जो कोणों के सभी मानों के लिए सत्य हो, जिसके लिए त्रिकोणमितीय अनुपात परिभाषित हों, एक **त्रिकोणमितीय सर्वसमिका** कहलाती है।

  1. $\sin^2 A + \cos^2 A = 1$
    • इससे $\sin^2 A = 1 - \cos^2 A$ और $\cos^2 A = 1 - \sin^2 A$ भी प्राप्त होता है।
  2. $1 + \tan^2 A = \sec^2 A$ (जहाँ $A$ एक न्यून कोण है)
    • इससे $\sec^2 A - \tan^2 A = 1$ और $\tan^2 A = \sec^2 A - 1$ भी प्राप्त होता है।
  3. $1 + \cot^2 A = \text{cosec}^2 A$ (जहाँ $A$ एक न्यून कोण है)
    • इससे $\text{cosec}^2 A - \cot^2 A = 1$ और $\cot^2 A = \text{cosec}^2 A - 1$ भी प्राप्त होता है।

इन सर्वसमिकाओं का उपयोग त्रिकोणमितीय व्यंजकों को सरल बनाने और अन्य सर्वसमिकाओं को सिद्ध करने के लिए किया जाता है।

एक समकोण त्रिभुज के त्रिकोणमितीय अनुपात और सर्वसमिकाएं।

मुख्य बिंदु

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर

अभ्यास 8.1 (त्रिकोणमितीय अनुपात)

  1. $\triangle ABC$ में, जिसका कोण $B$ समकोण है, $AB = 24 \text{ cm}$ और $BC = 7 \text{ cm}$ है। निम्नलिखित का मान ज्ञात कीजिए:
    (i) $\sin A, \cos A$
    (ii) $\sin C, \cos C$

    समकोण $\triangle ABC$ में, पाइथागोरस प्रमेय द्वारा:
    $AC^2 = AB^2 + BC^2 = (24)^2 + (7)^2 = 576 + 49 = 625$
    $AC = \sqrt{625} = 25 \text{ cm}$
    **(i) $\sin A, \cos A$**
    कोण A के लिए: सम्मुख भुजा $BC=7$, संलग्न भुजा $AB=24$, कर्ण $AC=25$
    $\sin A = \frac{\text{सम्मुख भुजा}}{\text{कर्ण}} = \frac{BC}{AC} = \frac{7}{25}$
    $\cos A = \frac{\text{संलग्न भुजा}}{\text{कर्ण}} = \frac{AB}{AC} = \frac{24}{25}$
    **(ii) $\sin C, \cos C$**
    कोण C के लिए: सम्मुख भुजा $AB=24$, संलग्न भुजा $BC=7$, कर्ण $AC=25$
    $\sin C = \frac{\text{सम्मुख भुजा}}{\text{कर्ण}} = \frac{AB}{AC} = \frac{24}{25}$
    $\cos C = \frac{\text{संलग्न भुजा}}{\text{कर्ण}} = \frac{BC}{AC} = \frac{7}{25}$

अभ्यास 8.2 (विशिष्ट कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात)

  1. निम्नलिखित के मान ज्ञात कीजिए:
    (i) $\sin 60^\circ \cos 30^\circ + \sin 30^\circ \cos 60^\circ$

    मान रखने पर:
    $\sin 60^\circ = \frac{\sqrt{3}}{2}$, $\cos 30^\circ = \frac{\sqrt{3}}{2}$
    $\sin 30^\circ = \frac{1}{2}$, $\cos 60^\circ = \frac{1}{2}$
    व्यंजक $= \left(\frac{\sqrt{3}}{2}\right) \left(\frac{\sqrt{3}}{2}\right) + \left(\frac{1}{2}\right) \left(\frac{1}{2}\right)$
    $= \frac{3}{4} + \frac{1}{4}$
    $= \frac{3+1}{4} = \frac{4}{4} = 1$
    उत्तर: **1**

अभ्यास 8.3 (पूरक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात)

  1. मान ज्ञात कीजिए:
    (i) $\frac{\tan 65^\circ}{\cot 25^\circ}$

    हम जानते हैं कि $\cot A = \tan (90^\circ - A)$।
    अतः, $\cot 25^\circ = \cot (90^\circ - 65^\circ) = \tan 65^\circ$।
    व्यंजक $= \frac{\tan 65^\circ}{\tan 65^\circ} = 1$
    उत्तर: **1**

अभ्यास 8.4 (त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ)

  1. सर्वसमिका सिद्ध कीजिए: $\sec A (1 - \sin A)(\sec A + \tan A) = 1$

    बायाँ पक्ष (LHS): $\sec A (1 - \sin A)(\sec A + \tan A)$
    हम जानते हैं कि $\sec A = \frac{1}{\cos A}$ और $\tan A = \frac{\sin A}{\cos A}$।
    LHS $= \frac{1}{\cos A} (1 - \sin A) \left(\frac{1}{\cos A} + \frac{\sin A}{\cos A}\right)$
    LHS $= \frac{1 - \sin A}{\cos A} \left(\frac{1 + \sin A}{\cos A}\right)$
    LHS $= \frac{(1 - \sin A)(1 + \sin A)}{\cos^2 A}$
    हम जानते हैं कि $(a-b)(a+b) = a^2 - b^2$।
    LHS $= \frac{1^2 - \sin^2 A}{\cos^2 A}$
    हम जानते हैं कि $\sin^2 A + \cos^2 A = 1 \Rightarrow 1 - \sin^2 A = \cos^2 A$।
    LHS $= \frac{\cos^2 A}{\cos^2 A} = 1$
    चूंकि LHS = RHS ($1=1$), सर्वसमिका **सिद्ध** हुई।

  2. सर्वसमिका सिद्ध कीजिए: $(\text{cosec } \theta - \cot \theta)^2 = \frac{1 - \cos \theta}{1 + \cos \theta}$

    बायाँ पक्ष (LHS): $(\text{cosec } \theta - \cot \theta)^2$
    हम जानते हैं कि $\text{cosec } \theta = \frac{1}{\sin \theta}$ और $\cot \theta = \frac{\cos \theta}{\sin \theta}$।
    LHS $= \left(\frac{1}{\sin \theta} - \frac{\cos \theta}{\sin \theta}\right)^2$
    LHS $= \left(\frac{1 - \cos \theta}{\sin \theta}\right)^2$
    LHS $= \frac{(1 - \cos \theta)^2}{\sin^2 \theta}$
    हम जानते हैं कि $\sin^2 \theta = 1 - \cos^2 \theta$।
    LHS $= \frac{(1 - \cos \theta)^2}{1 - \cos^2 \theta}$
    हम जानते हैं कि $1 - \cos^2 \theta = (1 - \cos \theta)(1 + \cos \theta)$।
    LHS $= \frac{(1 - \cos \theta)^2}{(1 - \cos \theta)(1 + \cos \theta)}$
    LHS $= \frac{1 - \cos \theta}{1 + \cos \theta}$
    चूंकि LHS = RHS, सर्वसमिका **सिद्ध** हुई।



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