अध्याय 5: समांतर श्रेढ़ियाँ (Arithmetic Progressions - AP)
परिचय
कक्षा 10 के गणित का पाँचवाँ अध्याय **'समांतर श्रेढ़ियाँ' (Arithmetic Progressions - AP)** है। इस अध्याय में, हम संख्याओं की एक विशेष प्रकार की सूची का अध्ययन करेंगे जिसे समांतर श्रेढ़ी कहा जाता है। हम समांतर श्रेढ़ी के **n-वें पद (n-th term)** और उसके **पहले n पदों के योग (sum of the first n terms)** को ज्ञात करने के सूत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। AP वास्तविक जीवन की कई स्थितियों में देखी जाती है, जैसे किराए पर टैक्सी का किराया, सीढ़ी की सीढ़ियों की लंबाई, या बैंक में जमा राशि पर ब्याज।
---1. समांतर श्रेढ़ी क्या है? (What is an Arithmetic Progression?)
संख्याओं की एक सूची जिसमें प्रत्येक पद (पहले पद को छोड़कर) अपने से ठीक पहले पद में एक **निश्चित संख्या** जोड़ने पर प्राप्त होता है, एक **समांतर श्रेढ़ी (Arithmetic Progression या AP)** कहलाती है।
- यह निश्चित संख्या AP का **सार्व अंतर (common difference)** कहलाती है और इसे $d$ से दर्शाया जाता है।
- AP का प्रत्येक संख्या एक **पद (term)** कहलाती है।
उदाहरण:
- $2, 4, 6, 8, \dots$ (यहाँ $d = 2$)
- $10, 7, 4, 1, \dots$ (यहाँ $d = -3$)
- $3, 3, 3, 3, \dots$ (यहाँ $d = 0$)
एक AP का **व्यापक रूप (general form)** है:
आप किसी भी दो क्रमागत पदों के बीच के अंतर को ज्ञात करके सार्व अंतर $d$ का पता लगा सकते हैं:
2. एक AP का n-वाँ पद (n-th Term of an AP)
AP का $n$-वाँ पद (जिसे अंतिम पद भी कहा जाता है, यदि AP परिमित हो) को $a_n$ से दर्शाया जाता है और इसे निम्न सूत्र से ज्ञात किया जा सकता है:
- $a_n$ = $n$-वाँ पद
- $a$ = पहला पद
- $d$ = सार्व अंतर
- $n$ = पदों की संख्या
यह सूत्र एक AP के किसी भी पद को ज्ञात करने में बहुत उपयोगी है, यदि हमें पहला पद, सार्व अंतर और पद संख्या ज्ञात हो।
---3. AP के पहले n पदों का योग (Sum of First n Terms of an AP)
एक AP के पहले $n$ पदों के योग को $S_n$ से दर्शाया जाता है और इसे निम्न सूत्र से ज्ञात किया जा सकता है:
- $S_n$ = पहले $n$ पदों का योग
- $n$ = पदों की संख्या
- $a$ = पहला पद
- $d$ = सार्व अंतर
- $l$ (या $a_n$) = अंतिम पद
यदि हमें $S_n$ ज्ञात हो, तो $n$-वाँ पद $a_n$ को भी ज्ञात किया जा सकता है:
मुख्य बिंदु
- **समांतर श्रेढ़ी (AP):** संख्याओं की एक सूची जहाँ प्रत्येक पद (पहले को छोड़कर) एक निश्चित संख्या (सार्व अंतर) जोड़ने पर प्राप्त होता है।
- **पहला पद ($a$):** AP का पहला नंबर।
- **सार्व अंतर ($d$):** क्रमागत पदों के बीच का निश्चित अंतर। ($d = a_{n} - a_{n-1}$)
- **n-वाँ पद ($a_n$):** $a_n = a + (n-1)d$
- **पहले n पदों का योग ($S_n$):**
- $S_n = \frac{n}{2}[2a + (n-1)d]$
- या $S_n = \frac{n}{2}[a + l]$, जहाँ $l$ अंतिम पद है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर
अभ्यास 5.1 (AP की पहचान और सार्व अंतर)
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निम्न स्थितियों में से किन स्थितियों में संख्याओं की सूची एक AP है और क्यों?
(i) प्रत्येक किलोमीटर के बाद का टैक्सी का किराया, जबकि प्रथम किलोमीटर के लिए किराया Rs. 15 है और प्रत्येक अतिरिक्त किलोमीटर के लिए किराया Rs. 8 है।
(ii) किसी बेलन (cylinder) में उपस्थित हवा की मात्रा, जबकि वायु निकालने वाला पंप प्रत्येक बार बेलन की शेष हवा का 1/4 भाग बाहर निकाल देता है।**(i) टैक्सी का किराया:**
प्रथम किलोमीटर के लिए किराया $= 15$दूसरे किलोमीटर के लिए किराया $= 15 + 8 = 23$तीसरे किलोमीटर के लिए किराया $= 23 + 8 = 31$चौथे किलोमीटर के लिए किराया $= 31 + 8 = 39$प्राप्त सूची: $15, 23, 31, 39, \dots$यहाँ क्रमागत पदों के बीच का अंतर $8$ है, जो कि स्थिर है।अतः, **हाँ**, यह एक AP है, क्योंकि सार्व अंतर स्थिर है ($d=8$)।**(ii) बेलन में हवा की मात्रा:**माना बेलन में प्रारंभिक हवा की मात्रा $V$ है।पहली बार निकालने के बाद, शेष हवा $= V - V/4 = 3V/4$दूसरी बार निकालने के बाद, शेष हवा $= (3V/4) - (1/4)(3V/4) = 3V/4 - 3V/16 = 12V/16 - 3V/16 = 9V/16$प्राप्त सूची: $V, 3V/4, 9V/16, \dots$क्रमागत पदों के बीच का अंतर:$a_2 - a_1 = 3V/4 - V = -V/4$$a_3 - a_2 = 9V/16 - 3V/4 = 9V/16 - 12V/16 = -3V/16$चूंकि अंतर स्थिर नहीं है ($-V/4 \ne -3V/16$), यह एक AP **नहीं** है।
अभ्यास 5.2 (n-वाँ पद)
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AP: $2, 7, 12, \dots$ का 10वाँ पद ज्ञात कीजिए।
यहाँ पहला पद $a = 2$।सार्व अंतर $d = 7 - 2 = 5$।हमें 10वाँ पद ज्ञात करना है, इसलिए $n = 10$।सूत्र $a_n = a + (n-1)d$ का प्रयोग करने पर:$a_{10} = 2 + (10 - 1)5$$a_{10} = 2 + (9)5$$a_{10} = 2 + 45$$a_{10} = 47$अतः, AP का 10वाँ पद **47** है।
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क्या AP: $11, 8, 5, 2, \dots$ का एक पद $-150$ है? क्यों?
यहाँ $a = 11$ और $d = 8 - 11 = -3$।हम यह मान लेते हैं कि $-150$ AP का $n$-वाँ पद है, अर्थात् $a_n = -150$।सूत्र $a_n = a + (n-1)d$ का प्रयोग करने पर:$-150 = 11 + (n-1)(-3)$$-150 - 11 = -3(n-1)$$-161 = -3(n-1)$$161 = 3(n-1)$$n-1 = 161/3$$n = 161/3 + 1 = 161/3 + 3/3 = 164/3$चूंकि $n = 164/3$ एक पूर्णांक (integer) नहीं है, अतः $-150$ इस AP का कोई पद **नहीं** है। AP में पदों की संख्या हमेशा एक धनात्मक पूर्णांक होनी चाहिए।
अभ्यास 5.3 (n पदों का योग)
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निम्न APs का योग ज्ञात कीजिए:
(i) $2, 7, 12, \dots$, 10 पदों तक।
(ii) $34, 32, 30, \dots$, 10 पदों तक।**(i) $2, 7, 12, \dots$, 10 पदों तक**
यहाँ $a=2, d=7-2=5, n=10$।सूत्र $S_n = \frac{n}{2}[2a + (n-1)d]$ का प्रयोग करने पर:$S_{10} = \frac{10}{2}[2(2) + (10-1)5]$$S_{10} = 5[4 + (9)5]$$S_{10} = 5[4 + 45]$$S_{10} = 5[49]$$S_{10} = 245$योग **245** है।**(ii) $34, 32, 30, \dots$, 10 पदों तक**यहाँ $a=34, d=32-34=-2, n=10$।सूत्र $S_n = \frac{n}{2}[2a + (n-1)d]$ का प्रयोग करने पर:$S_{10} = \frac{10}{2}[2(34) + (10-1)(-2)]$$S_{10} = 5[68 + (9)(-2)]$$S_{10} = 5[68 - 18]$$S_{10} = 5[50]$$S_{10} = 250$योग **250** है। -
8 के प्रथम 15 गुणजों का योग ज्ञात कीजिए।
8 के प्रथम 15 गुणज एक AP बनाते हैं: $8, 16, 24, \dots$यहाँ पहला पद $a = 8$।सार्व अंतर $d = 8$।पदों की संख्या $n = 15$।सूत्र $S_n = \frac{n}{2}[2a + (n-1)d]$ का प्रयोग करने पर:$S_{15} = \frac{15}{2}[2(8) + (15-1)8]$$S_{15} = \frac{15}{2}[16 + (14)8]$$S_{15} = \frac{15}{2}[16 + 112]$$S_{15} = \frac{15}{2}[128]$$S_{15} = 15 \times 64$$S_{15} = 960$योग **960** है।
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