अध्याय 1: वास्तविक संख्याएँ (Real Numbers)

परिचय

कक्षा 10 के गणित का पहला अध्याय **'वास्तविक संख्याएँ' (Real Numbers)** है। इस अध्याय में हम वास्तविक संख्याओं के गुणों, उनके प्रकारों और उनसे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रमेयों का अध्ययन करेंगे। पिछले कक्षाओं में आपने प्राकृत संख्याएँ, पूर्ण संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय संख्याएँ और अपरिमेय संख्याएँ पढ़ी होंगी। वास्तविक संख्याएँ इन सभी संख्याओं का संग्रह हैं।

इस अध्याय में, हम मुख्य रूप से निम्नलिखित अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे:

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1. यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका (Euclid's Division Lemma)

यह एक कथन है जिसका उपयोग अन्य कथनों को सिद्ध करने में किया जाता है। इसका प्रयोग दो धनात्मक पूर्णांकों के महत्तम समापवर्तक (HCF) ज्ञात करने के लिए किया जाता है।

प्रमेयिका: दो धनात्मक पूर्णांक $a$ और $b$ दिए रहने पर, ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ $q$ और $r$ विद्यमान हैं कि $a = bq + r$, जहाँ $0 \le r < b$।

यहाँ:

यह सामान्य विभाजन प्रक्रिया का ही एक रूप है: भाज्य = भाजक $\times$ भागफल + शेषफल।

यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथम (Euclid's Division Algorithm)

यह यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका पर आधारित एक तकनीक है जिसका उपयोग दो धनात्मक पूर्णांकों का HCF (महत्तम समापवर्तक) परिकलित करने के लिए किया जाता है।

चरण:

  1. $c$ और $d$ (जहाँ $c > d$) के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका लागू कीजिए: $c = dq + r$, जहाँ $0 \le r < d$।
  2. यदि $r = 0$ है, तो $d$ ही $c$ और $d$ का HCF है।
  3. यदि $r \ne 0$ है, तो भाजक $d$ और शेषफल $r$ पर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका को पुन: लागू कीजिए।
  4. यह प्रक्रिया तब तक जारी रखिए जब तक शेषफल शून्य न हो जाए। इस स्थिति में, भाजक ही वांछित HCF होगा।

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2. अंकगणित की आधारभूत प्रमेय (Fundamental Theorem of Arithmetic)

यह प्रमेय बताती है कि प्रत्येक भाज्य संख्या (composite number) को अभाज्य संख्याओं के एक अद्वितीय गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, और यह गुणनखंड अभाज्य गुणनखंडों के क्रम के बिना अद्वितीय होता है।

प्रमेय: प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के एक गुणनफल के रूप में व्यक्त (गुणनखंडित) किया जा सकता है तथा यह गुणनखंड अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वितीय होता है।

उदाहरण: $12 = 2 \times 2 \times 3 = 2^2 \times 3$

HCF और LCM ज्ञात करने में इसका अनुप्रयोग:

दो धनात्मक पूर्णांकों $a$ और $b$ के लिए,

$\text{HCF}(a, b) \times \text{LCM}(a, b) = a \times b$

इस प्रमेय का उपयोग करके हम संख्याओं का HCF और LCM ज्ञात कर सकते हैं:

उदाहरण: 6 और 20 का HCF और LCM ज्ञात कीजिए।

$\text{HCF}(6, 20)$ = अभाज्य गुणनखंडों की सबसे छोटी घातों का गुणनफल = $2^1 = 2$
$\text{LCM}(6, 20)$ = अभाज्य गुणनखंडों की सबसे बड़ी घातों का गुणनफल = $2^2 \times 3^1 \times 5^1 = 4 \times 3 \times 5 = 60$

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3. अपरिमेय संख्याओं का पुनर्भ्रमण (Revisiting Irrational Numbers)

आपने पिछली कक्षा में पढ़ा है कि अपरिमेय संख्याएँ वे संख्याएँ होती हैं जिन्हें $p/q$ के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता, जहाँ $p$ और $q$ पूर्णांक हैं तथा $q \ne 0$। इस खंड में, हम अपरिमेय संख्याओं को सिद्ध करने के लिए कुछ प्रमेयों का उपयोग करेंगे।

प्रमेय: मान लीजिए $p$ एक अभाज्य संख्या है। यदि $p$, $a^2$ को विभाजित करता है, तो $p$, $a$ को भी विभाजित करेगा, जहाँ $a$ एक धनात्मक पूर्णांक है।

इस प्रमेय का उपयोग करके हम $\sqrt{2}$, $\sqrt{3}$, $\sqrt{5}$ आदि के अपरिमेय होने को सिद्ध करते हैं।

$\sqrt{2}$ एक अपरिमेय संख्या है (उपपत्ति द्वारा)

मान लीजिए कि $\sqrt{2}$ एक परिमेय संख्या है। अतः हम $\sqrt{2}$ को $a/b$ के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ $a$ और $b$ सह-अभाज्य पूर्णांक हैं और $b \ne 0$।

$\sqrt{2} = a/b$
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर:
$2 = a^2 / b^2$
$2b^2 = a^2$ (समीकरण 1)
इसका अर्थ है कि $2$, $a^2$ को विभाजित करता है। प्रमेय के अनुसार, यदि $2$, $a^2$ को विभाजित करता है, तो $2$, $a$ को भी विभाजित करेगा। अतः हम $a = 2c$ लिख सकते हैं, जहाँ $c$ कोई पूर्णांक है। $a = 2c$ का मान समीकरण 1 में रखने पर:
$2b^2 = (2c)^2$
$2b^2 = 4c^2$
$b^2 = 2c^2$
इसका अर्थ है कि $2$, $b^2$ को विभाजित करता है। प्रमेय के अनुसार, यदि $2$, $b^2$ को विभाजित करता है, तो $2$, $b$ को भी विभाजित करेगा। इस प्रकार, $a$ और $b$ दोनों का एक उभयनिष्ठ गुणनखंड $2$ है। यह हमारी प्रारंभिक धारणा के विपरीत है कि $a$ और $b$ सह-अभाज्य हैं (अर्थात् उनका 1 के अतिरिक्त कोई उभयनिष्ठ गुणनखंड नहीं है)। अतः हमारी धारणा कि $\sqrt{2}$ एक परिमेय संख्या है, गलत है। इसलिए, $\sqrt{2}$ एक अपरिमेय संख्या है।

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4. परिमेय संख्याओं और उनके दशमलव प्रसार का पुनर्भ्रमण (Revisiting Rational Numbers and their Decimal Expansions)

इस खंड में, हम परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार के सांत (terminating) या अशांत आवर्ती (non-terminating repeating) होने की स्थितियों पर चर्चा करेंगे, बिना वास्तविक विभाजन के।

प्रमेय: मान लीजिए $x$ एक परिमेय संख्या है जिसका दशमलव प्रसार सांत है। तब $x$ को $p/q$ के रूप में व्यक्त किया जा सकता है, जहाँ $p$ और $q$ सह-अभाज्य पूर्णांक हैं, तथा $q$ का अभाज्य गुणनखंड $2^n 5^m$ के रूप का है, जहाँ $n$ और $m$ ऋणोत्तर पूर्णांक (non-negative integers) हैं।

प्रमेय: मान लीजिए $x = p/q$ एक परिमेय संख्या है, जहाँ $p$ और $q$ सह-अभाज्य हैं।

उदाहरण:

संख्या रेखा पर वास्तविक संख्याएं, और एक अभाज्य गुणनखंड वृक्ष।

मुख्य बिंदु

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर

अभ्यास 1.1 (यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका)

  1. निम्नलिखित संख्याओं का HCF ज्ञात करने के लिए यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथम का प्रयोग कीजिए:
    (i) 135 और 225
    (ii) 196 और 38220
    (iii) 867 और 255

    **(i) 135 और 225**

    चरण 1: $225 = 135 \times 1 + 90$
    चरण 2: $135 = 90 \times 1 + 45$
    चरण 3: $90 = 45 \times 2 + 0$
    शेषफल $0$ है, इसलिए HCF $= 45$।
    **(ii) 196 और 38220**
    चरण 1: $38220 = 196 \times 195 + 0$
    शेषफल $0$ है, इसलिए HCF $= 196$।
    **(iii) 867 और 255**
    चरण 1: $867 = 255 \times 3 + 102$
    चरण 2: $255 = 102 \times 2 + 51$
    चरण 3: $102 = 51 \times 2 + 0$
    शेषफल $0$ है, इसलिए HCF $= 51$।

  2. दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक $6q + 1$, या $6q + 3$, या $6q + 5$ के रूप का होता है, जहाँ $q$ कोई पूर्णांक है।

    माना $a$ कोई धनात्मक पूर्णांक है। $b = 6$ के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर, हम लिख सकते हैं:
    $a = 6q + r$, जहाँ $0 \le r < 6$।
    अतः $r$ के संभावित मान $0, 1, 2, 3, 4, 5$ हैं।
    स्थिति 1: यदि $r = 0$, $a = 6q$ (जो एक सम संख्या है)
    स्थिति 2: यदि $r = 1$, $a = 6q + 1$ (जो एक विषम संख्या है)
    स्थिति 3: यदि $r = 2$, $a = 6q + 2$ (जो एक सम संख्या है)
    स्थिति 4: यदि $r = 3$, $a = 6q + 3$ (जो एक विषम संख्या है)
    स्थिति 5: यदि $r = 4$, $a = 6q + 4$ (जो एक सम संख्या है)
    स्थिति 6: यदि $r = 5$, $a = 6q + 5$ (जो एक विषम संख्या है)
    चूंकि $a$ एक धनात्मक विषम पूर्णांक है, अतः यह $6q + 1$, $6q + 3$, या $6q + 5$ के रूप का ही हो सकता है।

अभ्यास 1.2 (अंकगणित की आधारभूत प्रमेय)

  1. अभाज्य गुणनखंडन विधि द्वारा निम्नलिखित पूर्णांकों के HCF और LCM ज्ञात कीजिए:
    (i) 12, 15 और 21
    (ii) 17, 23 और 29

    **(i) 12, 15 और 21**

    $12 = 2 \times 2 \times 3 = 2^2 \times 3^1$
    $15 = 3 \times 5 = 3^1 \times 5^1$
    $21 = 3 \times 7 = 3^1 \times 7^1$
    HCF = उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखंडों की न्यूनतम घात = $3^1 = 3$
    LCM = सभी अभाज्य गुणनखंडों की अधिकतम घात = $2^2 \times 3^1 \times 5^1 \times 7^1 = 4 \times 3 \times 5 \times 7 = 420$
    **(ii) 17, 23 और 29**
    $17 = 17^1$ (अभाज्य संख्या)
    $23 = 23^1$ (अभाज्य संख्या)
    $29 = 29^1$ (अभाज्य संख्या)
    HCF = 1 (क्योंकि ये सभी सह-अभाज्य हैं)
    LCM = $17 \times 23 \times 29 = 11339$

  2. सिद्ध कीजिए कि $\sqrt{5}$ एक अपरिमेय संख्या है।

    मान लीजिए कि $\sqrt{5}$ एक परिमेय संख्या है।
    अतः, हम $\sqrt{5}$ को $a/b$ के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ $a$ और $b$ सह-अभाज्य पूर्णांक हैं और $b \ne 0$।
    $\sqrt{5} = a/b$
    दोनों पक्षों का वर्ग करने पर:
    $5 = a^2 / b^2$
    $5b^2 = a^2 \quad \text{(समीकरण 1)}$
    इसका अर्थ है कि $5$, $a^2$ को विभाजित करता है।
    अतः, $5$, $a$ को भी विभाजित करेगा (प्रमेय के अनुसार)।
    हम $a = 5c$ लिख सकते हैं, जहाँ $c$ कोई पूर्णांक है।
    $a = 5c$ का मान समीकरण 1 में रखने पर:
    $5b^2 = (5c)^2$
    $5b^2 = 25c^2$
    $b^2 = 5c^2$
    इसका अर्थ है कि $5$, $b^2$ को विभाजित करता है।
    अतः, $5$, $b$ को भी विभाजित करेगा।
    इस प्रकार, $a$ और $b$ दोनों का एक उभयनिष्ठ गुणनखंड $5$ है।
    यह हमारी प्रारंभिक धारणा के विपरीत है कि $a$ और $b$ सह-अभाज्य हैं।
    अतः हमारी धारणा कि $\sqrt{5}$ एक परिमेय संख्या है, गलत है।
    इसलिए, $\sqrt{5}$ एक अपरिमेय संख्या है।

अभ्यास 1.3 (अपरिमेय संख्याओं का पुनर्भ्रमण)

  1. सिद्ध कीजिए कि $3 + 2\sqrt{5}$ एक अपरिमेय संख्या है।

    मान लीजिए कि $3 + 2\sqrt{5}$ एक परिमेय संख्या है।
    अतः, हम $3 + 2\sqrt{5} = a/b$ लिख सकते हैं, जहाँ $a$ और $b$ सह-अभाज्य पूर्णांक हैं और $b \ne 0$।
    $2\sqrt{5} = a/b - 3$
    $2\sqrt{5} = (a - 3b) / b$
    $\sqrt{5} = (a - 3b) / 2b$
    चूंकि $a$ और $b$ पूर्णांक हैं, $(a - 3b) / 2b$ एक परिमेय संख्या है।
    इसका अर्थ है कि $\sqrt{5}$ एक परिमेय संख्या है।
    लेकिन हम जानते हैं कि $\sqrt{5}$ एक अपरिमेय संख्या है (जैसा कि पिछले प्रश्न में सिद्ध किया गया है)।
    यह विरोधाभास हमारी गलत धारणा के कारण उत्पन्न हुआ है कि $3 + 2\sqrt{5}$ एक परिमेय संख्या है।
    अतः, $3 + 2\sqrt{5}$ एक अपरिमेय संख्या है।

अभ्यास 1.4 (दशमलव प्रसार)

  1. बिना लंबी विभाजन प्रक्रिया किए बताइए कि निम्नलिखित परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार सांत हैं या अशांत आवर्ती हैं:
    (i) $13/3125$
    (ii) $17/8$
    (iii) $64/455$

    **(i) $13/3125$**

    हर: $3125 = 5 \times 5 \times 5 \times 5 \times 5 = 5^5$
    हर का अभाज्य गुणनखंड $2^n 5^m$ के रूप का है (यहाँ $n=0, m=5$)।
    अतः दशमलव प्रसार **सांत** है।
    **(ii) $17/8$**
    हर: $8 = 2 \times 2 \times 2 = 2^3$
    हर का अभाज्य गुणनखंड $2^n 5^m$ के रूप का है (यहाँ $n=3, m=0$)।
    अतः दशमलव प्रसार **सांत** है।
    **(iii) $64/455$**
    हर: $455 = 5 \times 7 \times 13$
    हर का अभाज्य गुणनखंड $2^n 5^m$ के रूप का नहीं है, क्योंकि इसमें 7 और 13 भी अभाज्य गुणनखंड हैं।
    अतः दशमलव प्रसार **अशांत आवर्ती** है।



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